28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे। लेकिन विपक्ष को ऐतराज है कि राष्ट्रपति के हाथों उद्घाटन क्यों नहीं कराया जा रहा है। बीजेपी का कहना है कि सच तो यह है कि परिवारवादी दल ही विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस को कम से कम ऐतराज करने का हक नहीं है। पार्लियामेंट एनेक्सी, लाइब्रेरी, मणिपुर का मसला या छत्तीसगढ़ का मसला क्या कांग्रेस के नेता भूल गए हैं। इन सबके बीत सेंगोल पर भी विवाद है।
बता दें कि सेंगोल को स्पीकर की चेयर के पास रखा जाएगा। सेंगोल का रिश्ता चोल साम्राज्य से रहा है जिसे राजदंड और सत्ता हस्तांतरण के तौर पर देखा जाता है। इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
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‘सत्ता हस्तांतरण का समय आ गया’
अखिलेश यादव ने ट्वीट के जरिए कहा कि बीजेपी को लग रहा है कि अब सत्ता सौंपने का समय आ गया है। बीजेपी सिर्फ और सिर्फ नफरत की राजनीति, अपने आपको सबसे ऊपर रखने की बात कहती है। इस देश के योगदान में ना जानें कितने विचारों की भूमिका रही है। लेकिन बीजेपी सबको एक एक कर भूला रही है। बीजेपी यह बात भूल गई है कि हमार संविधान किसी एक मजहब को मानने वाला नहीं है। बीजेपी जिस तरह से अपनी राजनीति को आगे बढ़ा रही है एक बात तो साफ है कि बहुत जल्द ही जनता उन्हें नकार देगी।