अखाड़ा परिषद करेगी सीडीएस जनरल बिपिन रावत को भारत रत्न देने की मांगः रविन्द्र पुरी

तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकाप्टर हादसे में देश के प्रथम चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी धर्मपत्नी मधुलिका रावत सहित 13 वीर जवानों के आकस्मिक निधन पर श्रद्धांजलि देने के लिए एसएमजेएन कॉलेज में एक शोक सभा हुई। इसमें सभी मृत आत्माओं को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

शोक सभा में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और कॉलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्री महन्त रविन्द्र पुरी ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी धर्मपत्नी और दिवंगत आत्माओं की शान्ति और परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि देश के रक्षा प्रमुख उत्तराखण्ड के वीर सपूत सीडीएस जनरल बिपिन रावत देश के गौरव थे।

श्री महन्त ने कहा कि सीडीएस रावत ने सेना के आधुनिकीकरण के लिए अहम भूमिका निभाई। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और कॉलेज परिवार की ओर से सीडीएस रावत को भारत सरकार से भारत रत्न देने की मांग की। उन्होंने कहा कि इसके लिए कॉलेज के छात्र-छात्राओं का हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन भी भारत सरकार को प्रेषित किया जायेगा।

शोक सभा में उपस्थित पूर्व कमाण्डर आमोध चौधरी ने कहा कि सीडीएस जनरल रावत सेना को खुलकर कार्रवाई करने का अधिकार दिलाने के लिए हमेशा मुखर रहे, जिसका असर सीमाओं पर प्रभारी रूप से नजर भी आया। उन्होंने भारतीय सेना में चार दशक की निस्वार्थ सेवा में असाधारण वीरता का परिचय दिया। चौधरी ने भावुक मन से कहा कि उत्तराखण्ड का बेटा देश का पहला सीडीएस है, यह सोचकर ही हम सब उत्तराखण्डवासी गौरवान्वित हो जाते थे।

प्राचार्य डॉ. सुनील बत्रा ने श्रद्धाुजलि अर्पित करते हुए कहा कि सीडीएस रावत ने उत्तराखण्ड राज्य के पूर्व सैनिकों की समस्याओं, उनके पुनर्वास, शहीद आश्रितों के परिजनों की सहायता को लेकर काफी गम्भीरता से रिपोर्ट ली। डॉ. बत्रा ने कहा कि हमें इस महान सपूत पर सदैव गर्व रहेगा।

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शोक सभा में मुख्य अनुशासन अधिकारी डॉ. सरस्वती पाठक व डॉ. संजय कुमार माहेश्वरी, डॉ. जगदीश चन्द्र आर्य, रिंकल गोयल, डॉ. सुगन्धा वर्मा, डॉ. अमिता श्रीवास्तव, अन्तिम त्यागी, डॉ. आशा शर्मा, डॉ. मोना शर्मा, विनीत सक्सेना, डॉ. प्रज्ञा जोशी डॉ. पदमावती तनेजा, ललित वेद, जयति त्रिपाठी, पूजा प्रभा, रोमा सिंह सहित अनेक छात्र-छात्राओं ने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। अंत में मृत आत्माओं की शान्ति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।