नोएडा हाउसिंग सोसाइटी में एक महिला को धमकी देने के आरोपी श्रीकांत त्यागी (Shrikant Tyagi) को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को जमानत दे दी है। बताया जा रहा है श्रीकांत त्यागी जल्द जेल से बाहर आ सकता है। पिछले महीने नोएडा की ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी, सेक्टर 93 के अंदर एक महिला के साथ धमकी और दुर्व्यवहार करते हुए त्यागी का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसके बाद वह फरार हो गया। बाद में यूपी पुलिस ने उसे मेरठ से अरेस्ट किया। अदालत ने इससे पहले 11 अगस्त को आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
वायरल हुआ था वीडियो
त्यागी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के किसान मोर्चा का सदस्य होने का दावा किया था, जिसे पार्टी ने खारिज कर दिया था। त्यागी का जो वीडियो सामने आया था उसमें वह नोएडा के सेक्टर 93 बी में ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी की निवासी एक महिला गाली देते हुए दिख रहा था। इतना ही नहीं त्यागी ने महिला के साथ बदतमीजी की और धक्का भी दिया। इसके बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर इस कदर वायरल हुआ कि त्यागी की गिरफ्तारी हो गई। नोएडा पुलिस त्यागी के खिलाफ आईपीसी की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान), 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा), और 447 (आपराधिक अतिचार के लिए सजा) को जोड़ा।
त्यागी ने कही थी ये बात
इससे पहले, अदालत से ले जाते समय मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, त्यागी ने कहा था कि जिस महिला के साथ उसने मारपीट की वह उसकी बहन की तरह थी और दावा किया कि इस घटना को राजनीतिक तूल दिया गया तांकि उसे राजनीतिक रूप से खत्म किया जा सके। त्यागी ने अदालत से ले जाते हुए कहा, ‘मैं घटना पर खेद व्यक्त करता हूं। वह मेरी बहन की तरह है, घटना राजनीतिक है और मुझे राजनीतिक रूप से नष्ट करने के लिए वीडियो वायरल किया गया है।’ इससे पहले, नोएडा पुलिस ने कहा था कि त्यागी अपनी कार पर एक विधायक स्टिकर का इस्तेमाल कर रहा था, जो कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा दिया गया था।
मुश्किल से गिरफ्त में आया था त्यागी
शुरुआत में श्रीकांत त्यागी को पकड़ने के लिए आठ टीमों का गठन किया गया था। लेकिन उसका पता नहीं लगाया जा सका क्योंकि वह अपनी लोकेशन और मोबाइल उपकरणों को बदल रहा था। पुलिस ने फिर टीमों की संख्या बढ़ाकर 12 कर दी गई। उसका लगातार पीछा किया। त्यागी लगातार अपनी लोकेशन और मोबाइल डिवाइस बदल रहा था। वह मेरठ, मुजफ्फरनगर, हरिद्वार और ऋषिकेश चले गया। फाइनली उसे मेरठ से अरेस्ट कर लिया गया।