आम आदमी पार्टी ने पंचायत चुनाव को लेकर बुधवार को 500 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी। आप प्रभारी व सांसद संजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर सूची जारी की।
जारी की गई सूची में करीब 45 वकील, 35 पूर्व जिला पंचायत सदस्य या उसके प्रत्याशी रहे हैं। सूची में 15 सामाजिक कार्यकर्ता, 15 बीडीसी सदस्य, 12 घरेलू महिलाएं, 7 ग्राम प्रधान, जिला पंचायत के वर्तमान में 7 सदस्य, 4 छात्रनेता, फौज से रिटायर हुए 3 जवान, लोकसभा सदस्य का चुनाव लड़ चुके 3 लोग, 3 शिक्षक, 3 निगम पार्षद जिनका संबंध ग्रामीण अंचल से है।
कॉलेज के प्रधानाचार्य, एक डॉक्टर और ऐसे ही तमाम लोगों को समर्थन देकर प्रत्याशी घोषित किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी समर्थित जीते हुए प्रत्याशियों को आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट देकर लड़ने का मौका दे सकती है।
आप नेता संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने बिजली, पानी, चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम किया है। पंचायत चुनाव में प्रचार के दौरान हम यूपी में लोगों को केजरीवाल मॉडल से परिचित कराएंगे।
उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग को भी निशाने पर लिया। कहा कि आयोग का काम समझ से परे हैं। उन्होंने बताया कि 11 अप्रैल को प्रत्याशी को सिंबल मिलेगा। वह 12 अप्रैल को पोस्टर बैनर छपवाएगा। 17 को चुनाव प्रचार बंद हो जाएगा। 19 अप्रैल को पहले चरण का चुनाव है। ऐसे में महज पांच दिन में एक प्रत्याशी भला 50,000 लोगों के बीच कैसे प्रचार कर पाएगा? राज्य निर्वाचन आयोग से उन्होंने अपील की है की इस मसले पर पुनर्विचार करें।
‘पर्चा खरीदने के लिए महज एक खिड़की है’
उन्होंने बताया कि पर्चा खरीदने के लिए महज एक खिड़की है जहां भाजपा के लोग सेटिंग से पर्चा खरीद ले रहे हैं लेकिन बाकी दलों के उम्मीदवार काफी परेशानी झेल रहे हैं।
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संजय सिंह ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा प्रत्याशियों का बुरा हाल है। देश के किसान भारतीय जनता पार्टी की दमनकारी नीतियों से बेहद आहत और गुस्से में हैं।