तनाव से हैं परेशान तो अपनाएं ये 5 आयुर्वेदिक टिप्स, जरूर देखेंगे खुद में बदलाव

तनाव और चिंता इन दिनों हमारे जीवन का एक अभिन्‍न हिस्सा बन  चुके हैं। हम किसी भी समय खुद को तनाव से मुक्‍त नहीं रख पाते जिसका असर धीरे धीरे हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ने लगता है। लेकिन यह हमें समझना होगा कि तनाव एक नेचुरल प्रक्रिया है जिसे रोका नहीं जा सकता। हां, हम अपनी लाइफ स्‍टाइल में कुछ बदलाव लाकर इसके प्रभावों को कम कर सकते हैं। ऐसे में अपनी जीवनशैली में सकारात्‍मक होकर रोजाना व्यायाम करना, सही आहार और खुशहाल रहने की कोशिश हमें कई समस्‍याओं से बचा सकती हैं। इसके अलावा, आयुर्वेद की मदद से भी हम तनाव और चिंता की नेचुरल प्रक्रिया को कंट्रोल कर सकते हैं और इनसे राहत पा सकते हैं।आइए जानते हैं कि आयुर्वेद की मदद से हम किस तरह चिंता और तनाव को दूर रख सकते हैं।

1. मालिश करें

आयुर्वेद के अनुसार, आप अगर लगातार तनाव में हैं तो अपने दिनचर्या में मालिश को जगह दें। तनाव दूर करने के लिए अगर आप तिल के तेल का मालिश करते हैं तो ये आपके लिए काफी फायदेमंद होगा। अगर आपके पास तिल का तेल नहीं है तो आप आंवला तेल या बदाम तेल भी हेड मसाज या बॉडी मसाज के लिए प्रयोग कर सकते हैं। यह आपके तनाव को कम करने में काफी फायदेमंद साबित होगा। इसके अलावा, आप रोज रात में सोने से पहले पैरों पर मालिश करें, आप बहुत रिलैक्‍स महसूस करेंगे।

2. प्राणायाम करें

प्राणायाम के साथ आप अपने दिन की शुरुआत कर सकते  हैं। अगर आपको प्राणायाम नहीं आता तो आप ब्रीदिंग एक्‍सरसाइज करें। इसकी मदद से ब्रेन में भरपूर ऑक्‍सीजन पहुंचता है जो दिमाग को रिलैक्‍स करता है और आप रिलैक्‍स महसूस करते हैं।

3. वात बढ़ाने वाले भोजन से रहें दूर

चिंता और तनाव हमारे शरीर में वात दोष से भी बढ़ता है। ऐसे में फ्राई चीजों, जंक और फास्‍ट फूड आदि से बचें। चाय और कॉफी भी शरीर में वात बढ़ाते हैं। ऐसे में इनसे दूरी भी जहां तक हो सके बनाएं।

4. भोजन में शामिल करें ये चीजें

स्‍ट्रेस से नहीं उबर पा रहे हैं तो आंवला मुरब्‍बा, अश्‍वगंधा, ब्राम्‍ही को अपने भोजन में शामिल करें। आप रातभर कुछ बदाम को पानी में फूला दें और सुबह दूध के साथ इनका सेवन करें। ये आपके दिमाग को रिलैक्‍स करने में काफी कारगर हैं।

यह भी  पढ़ें: इन 5 आसान उपायों से प्रसन्न होंगे विघ्नहर्ता गणेश जी, पूरी होगी हर मनोकामना

5. भरपूर लें नींद

आयुर्वेद में रात की नींद का बहुत महत्‍व है। यह आपके मेंटल, फिजिकल और इमोशनल फीलिंग को रिलैक्‍स करता है। दोपहर की नींद से बचें।