राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) को गुरूवार सुबह मुस्लिम भीड़ की उग्रता का सामना करना पड़ा। यह घटना तब हुई जब विदेशी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वह सुबह लगभग 2.30 बजे उन्होंने मुफ्ती खालिद अंसारी नदवी के झांसी स्थित सुपर कॉलोनी स्थित घर पर छापा मारा। उन पर आतंकी प्रचार प्रसार और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े लोगों को कट्टरपंथी बनाने के मामले में भी जांच की गई है।
हालांकि, जब अधिकारी उन्हें आगे की पूछताछ के लिए अपने साथ ले जा रहे थे, तो इलाके में बड़ी संख्या में मुसलमानों ने उन्हें पकड़ लिया और नदवी को हिरासत से छुड़ा लिया।
मुस्लिम समर्थकों ने जमकर किया विरोध प्रदर्शन
मुफ़्ती खालिद अंसारी नदवी शहर काज़ी के भतीजे हैं और जैसे ही उनकी हिरासत की ख़बर फैली, उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्हें पूछताछ के लिए जांच टीम के साथ भेजा गया और करीब आठ घंटे बाद जब अधिकारी उन्हें अपने साथ ले जाने लगे, तो मस्जिद से घोषणा करके भारी भीड़ बुलाई गई। सैकड़ों महिलाओं और पुरुषों ने पुलिस और एनआईए की गाड़ियों को घेर लिया और नदवी को जबरन वहां से हटा दिया।
नदवी को बचाने में कामयाब हो गई भीड़
भीड़ बढ़ती गई और स्थिति बिगड़ती गई। एनआईए की टीम ने भीड़ को समझाने की कोशिश की लेकिन भीड़ ने बहस करना शुरू कर दिया। उनमें से कुछ लोग भड़क भी गए। कम से कम 200 लोगों की भीड़ ने आखिरकार नदवी को बचाने में कामयाबी हासिल की। एनआईए की टीम ने उन्हें खदेड़ने की कोशिश की लेकिन मुस्लिम अपनी योजना में सफल रहे। घटना कोतवाली थाना क्षेत्र के सलीम बाग अली गोल खिड़की में हुई।
एनआईए ने लिया नदवी के घर की तलाशी
झांसी में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम ने सलीम बाग के पास सुपर कॉलोनी में छापेमारी की थी। विदेशी फंडिंग और संदिग्ध गतिविधियों से जुड़े मामलों में यह कार्रवाई की गई है। मुफ्ती खालिद अंसारी नदवी के घर की भी तलाशी ली गई। वह बच्चों को वर्चुअल क्लास देते हैं और देश-विदेश से लोग उनकी ऑनलाइन क्लास से जुड़ते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी को उनके विदेशी संपर्कों के बारे में जानकारी मिली थी और बताया गया था कि इन गतिविधियों के जरिए उन्हें देश के बाहर से फंडिंग मिलती है।
नदवी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि रात के करीब 2:30-3 बजे एनआईए दिल्ली के लोगों ने मेरा दरवाज़ा खटखटाया। मैंने डर के मारे दरवाज़ा नहीं खोला क्योंकि मैं अकेला था और रात काफी हो चुकी थी। उन्होंने पूरे घर की अच्छी तरह से जाँच की और उन्हें कुछ भी नहीं मिला। उन्होंने जो भी किताबें संदिग्ध लगीं, उन्हें ले लिया।
जब्त किये पासपोर्ट, सऊदी अरब का पुराना वीज़ा जैसे दस्तावेज़
नदवी ने आगे बताया कि एनआईए की टीम ने पासपोर्ट, सऊदी अरब का पुराना वीज़ा जैसे दस्तावेज़ ले लिए। उन्होंने मेरा फ़ोन चेक किया और मेरे व्हाट्सएप कॉन्टैक्ट्स और ग्रुप्स के बारे में पूछताछ की। उन्होंने मुहम्मद इलियास घुमन के बारे में पूछा। मैं एक ऑनलाइन इस्लामिक कोचिंग सेंटर चलाता हूँ जहाँ मैं भारतीय और एनआरआई छात्रों को पढ़ाता हूँ। उन्होंने मेरे बैंक स्टेटमेंट भी चेक किए।
उन्होंने बताया कि मैं 11 साल से ऑनलाइन काम कर रहा हूं। मेरी फीस 50 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक है। टीम ने मुझसे विदेशी फंडिंग के बारे में पूछा। उन्होंने पूछा कि क्या आपने विदेश में पैसे ट्रांसफर किए हैं, जिस पर मैंने कहा कि बिल्कुल नहीं। वे कह रहे थे कि वे मुझे पुलिस लाइन ले जाएंगे और मुझसे पूछताछ करेंगे।
पूरी दुनिया में बच्चों को कुरआन और उर्दू पढाता है आरोपी
शहर काजी मुफ्ती साबिर अंसारी ने बताया कि नदवी उनका भतीजा है। उन्होंने बताया कि वह पूरी दुनिया में बच्चों को उर्दू और कुरान पढ़ाता है। एनआईए की टीम सुबह तीन बजे पहुंची। उससे पूछताछ की, लेकिन कुछ नहीं मिला। बाद में बताया कि उसे आगे की पूछताछ के लिए पुलिस लाइन ले जाया जाएगा। इस पर लोगों ने मांग की कि जब उसने कुछ किया ही नहीं तो उससे यहीं पूछताछ की जाए। उन्होंने पूछा कि उसे ले जाने की क्या जरूरत थी? वह 10-12 साल से ऑनलाइन टीचर है। हम चाहते हैं कि न्याय हो और हालात सुधरें। हालांकि एनआईए वालों ने कुछ नहीं बताया।
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स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि नदवी को बिना वजह परेशान किया जा रहा है और घटना के दौरान काफी देर तक अधिकारियों के साथ उनकी झड़प भी हुई। वहीं, एनआईए की टीम ने उनके घर से कई अहम दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए हैं, जिन्हें जांच के लिए दिल्ली भेजा जाएगा। इस मामले में स्थानीय प्रशासन और पुलिस भी सहयोग कर रही है।