महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ लेने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार शाम मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वह अगले पांच वर्षों तक एक स्थिर सरकार प्रदान करेंगे और उनके नेतृत्व में राज्य में बदलाव की राजनीति होगी, न कि बदले की।
महाराष्ट्र में 2019 के बाद से कई बड़े राजनीतिक बदलाव देखने को मिले हैं। विधानसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी- शिवसेना गठबंधन टूट गया, जिसके बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार बनाई। 2022 में एकनाथ शिंदे की बगावत ने शिवसेना को विभाजित कर दिया, जिससे एमवीए गिर गई। एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ गठबंधन किया और मुख्यमंत्री बन गए। हाल ही में संपन्न महाराष्ट्र चुनाव के बाद, 5 दिसंबर को देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री के रूप में वापस आ गए।
फडणवीस ने कहा- पारदर्शिता से काम करेगी महायुति सरकार
एक समाचार चैनल से मिली जानकारी के अनुसार, देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 2019 से लेकर 2022 के मध्य तक हमने कई बदलाव देखे। हमें उम्मीद है कि भविष्य में इस तरह के झटके नहीं आएंगे। उन्होंने कहा कि बदले की नहीं, बल्कि बदलाव की राजनीति होगी।
फडणवीस ने जोर देकर कहा कि यह महायुति सरकार एक जन-उन्मुख प्रशासन होगी जो पारदर्शिता के साथ काम करेगी और राज्य को विकास के पथ पर तेजी से आगे ले जाएगी।
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता पर
फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) का मुद्दा, जहां 288 सदस्यीय सदन में महा विकास अघाड़ी के 50 से भी कम सदस्य हैं, नए अध्यक्ष द्वारा तय किया जाएगा, न कि सरकार द्वारा।
उन्होंने कहा कि लोकसभा में जब मुख्य विपक्षी दल के पास विपक्ष के नेता पद के लिए पर्याप्त संख्या नहीं थी, तो सबसे बड़े राजनीतिक दल के नेता को सभी शक्तियां दे दी गईं।
गृह और वित्त विभाग किसे मिलेंगे?
जब उनसे पूछा गया कि गृह और वित्त जैसे महत्वपूर्ण विभाग किसे मिलेंगे, तो मुख्यमंत्री ने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा कि वे हमारी सरकार के पास रहेंगे।
उन्होंने इस बात को भी खारिज कर दिया कि एकनाथ शिंदे, जिन्होंने पहली महायुति सरकार का नेतृत्व किया था और जिन्हें मुख्यमंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल देने से मना कर दिया गया था, नाराज हैं।
फडणवीस ने कहा कि शिंदे ने सरकार में शामिल होने के मेरे अनुरोध पर तुरंत सहमति जताई। उन्होंने कहा कि सुचारू कामकाज सुनिश्चित करने के लिए मुख्य नेता को सरकार का हिस्सा होना चाहिए।
प्रथम महायुति सरकार में एकनाथ शिंदे के अधीन उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्य करने के बाद मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने कहा कि भूमिकाएं भले ही बदल गई हों, लेकिन फोकस और दिशा वही है।
लड़की बहिन योजना पर
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार लड़की बहन योजना को जारी रखेगी और महायुति के चुनाव पूर्व वादे को पूरा करेगी, जिसमें पात्र महिलाओं के लिए योजना के तहत मासिक भत्ता 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये करने का वादा किया गया था।
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महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र
फडणवीस ने कहा कि नये विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव 7 दिसंबर से मुंबई में शुरू होने वाले सदन के तीन दिवसीय विशेष सत्र के दौरान 9 दिसंबर को होगा। उन्होंने कहा कि नये मंत्रिमंडल का विस्तार राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र से पहले किया जाएगा, जिसमें वर्तमान में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (शिवसेना) और अजित पवार (राकांपा) हैं। शीतकालीन सत्र इस महीने के अंत में नागपुर में आयोजित किया जाएगा।