लखनऊ में हुआ जन प्रगति पार्टी के प्रदेश कार्यालय का उद्घाटन, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष संदीप पांडे ने बताया पार्टी का उद्देश्य

जनता की सेवा करने के उद्देश्य से बनाई गई जन प्रगति पार्टी से उत्तर प्रदेश की सियासत में अपनी मौजूदगी दर्ज करानी शुरू कर दी है। इसी क्रम में पार्टी ने अब राजधानी लखनऊ में पार्टी का प्रदेश कार्यालय खुल गया है। दरअसल, शुक्रवार को मंत्रोचारण के साथ जन प्रगति पार्टी के प्रदेश कार्यालय का उद्घाटन हुआ।

शुक्रवार को हर गोविन्द लॉन एंड वाटिका, रोशनाबाद, यादव चौराहा, आईआईएम चौराहे पर धूमधाम के साथ जन प्रगति पार्टी के प्रदेश कार्यालय का उद्घाटन समारोह संपन्न हुआ। इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मृत्युंजय मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार तिवारी (राजन), प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष संदीप पाण्डेय, प्रदेश मीडिया प्रभारी दीपक शुक्ला सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।

इस मौके पर बड़ी भुय्यन माता मंदिर के महंत आनंद गिरी महाराज जी भी उपस्थित रहे, जिन्होंने जन प्रगति पार्टी के उद्देशों को पूरा करने का आशीर्वाद दिया। इस मौके पर पार्टी पदाधिकारियों ने कार्यालय पर पूजा अर्चना कर भंडारा आयोजन की शुरुआत की। जिसमें सैकड़ों लोगों ने भोजन प्राप्त किया।

जन प्रगति पार्टी प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष संदीप पाण्डेय ने बताया पार्टी का उद्देश्य

इस मौके पर पार्टी के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष संदीप पाण्डेय ने बातचीत करते हुए पार्टी के उद्देश्यों से रूबरू कराया। उन्होंने बताया कि पार्टी का मुख्य उद्देश्य सामान शिक्षा अधिकार है। पार्टी का मनाना है कि जिस तरह से शिक्षा को व्यवसाय बनाकर समाज के गरीब परिवार के बच्चों को अच्छी शिक्षा के अछूत रखा जा रहा है, यह प्रथा ख़त्म होनी चाहिए। चाहे किसी अधिकारी का बेटा-बेटी हो, या फिर किसी निर्धन का…सभी को एक सामान शिक्षा दी जानी चाहिये।

संदीप पाण्डेय ने बताया कि आज के समय में एक सरकारी अधिकारी का बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहा है जबकि गरीब का बच्चा एक सरकारी स्कूल में शिक्षा प्राप्त कर रहा है। चूंकि सरकारी स्कूल के शिक्षा देने का स्तर इस कदर गिर चुका है कि एक सरकारी स्कूल का अध्यापक अपने बच्चे को प्राइवेट स्कूल में पढाता है।

यह भी पढ़ें: RSS ने लिखी बीजेपी की जीत की स्क्रिप्ट, उपचुनाव फतह करने के लिए बना प्लान

उन्होंने कहा कि जन प्रगति पार्टी का मुख्य उद्देश्य एक सरकारी नुमाइंदे के बच्चे और एक गरीब के बच्चे को एक सामान शिक्षा दिलाना है, जिसकी वजह से प्रतिभाशील गरीब का बच्चा भी खुद की और देश की उन्नति में अपनी सहभागिता और उपस्थिति दर्ज करा सके।