समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने सोमवार को उस समय विवाद खड़ा कर दिया, जब उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। यह टिप्पणी उस समय सामने आई जब मुख्य न्यायाधीश ने राम मंदिर मामले में दिए गए ऐतिहासिक फैसले का जिक्र करते हुए बताया था कि उन्होंने इस जटिल मामले के समाधान के लिए भगवान से प्रार्थना की थी।
राम गोपाल यादव से जब मुख्य न्यायाधीश के बयान पर प्रतिक्रिया पूछी गई, तो उन्होंने कहा, “जब आप मृतकों को जीवित करते हैं, तो वे भूत बन जाते हैं और जनता को डराते हैं। बहुत से लोग इस तरह की बातें करते हैं, क्या मुझे उनकी बातों पर ध्यान देना चाहिए?” यह बयान उनके द्वारा मुख्य न्यायाधीश की आलोचना के रूप में देखा गया, और इससे राजनीतिक विवाद उत्पन्न हुआ।
रविवार को अपने पैतृक गांव कन्हेरसर में एक सम्मान समारोह के दौरान, CJI चंद्रचूड़ ने बताया था कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद से निपटने के दौरान उन्होंने भगवान से मार्गदर्शन की प्रार्थना की थी। यह मामला उनके सामने तीन महीने तक रहा और उन्होंने इसे लेकर भगवान से समाधान की आशा की थी।
हालांकि, राम गोपाल यादव ने बाद में अपने बयान से पलटते हुए कहा कि उनसे CJI के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया था। उनकी यह सफाई तब आई जब उनके बयान पर विवाद गहरा गया। राम गोपाल यादव ने पहले मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ तीखी टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने राम मंदिर फैसले को लेकर उन पर निशाना साधा। हालांकि, बाद में उन्होंने अपने बयान को वापस लेते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी गलतफहमी का परिणाम थी और अगर इससे किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो वह इसके लिए खेद व्यक्त करते हैं। यादव ने कहा कि उनका इरादा न्यायपालिका का अपमान करने का नहीं था और उनके बयान को गलत तरीके से लिया गया।
इसी सन्दर्भ में भाजपा के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने अपने एक बयां में कहा कि, “राम गोपाल यादव ने मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया है, जो न्यायपालिका के प्रति असम्मान को दर्शाता है। यह व्यवहार यह दिखाता है कि समाजवादी पार्टी न तो देश के संविधान पर भरोसा करती है और न ही स्वतंत्र न्यायपालिका पर, और अपमानजनक भाषा का सहारा लेती है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। समाजवादी पार्टी को राम गोपाल यादव के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ 9 नवंबर, 2019 को दिए गए ऐतिहासिक राम मंदिर फैसले में शामिल पांच-सदस्यीय बेंच का हिस्सा थे, जिसका नेतृत्व उस समय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई कर रहे थे। इस फैसले ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया, जबकि शहर में एक वैकल्पिक पांच एकड़ भूमि पर मस्जिद निर्माण का भी आदेश दिया। CJI चंद्रचूड़ ने इस साल जुलाई में राम मंदिर का दौरा किया था और वहां पूजा-अर्चना की थी।