ओडिशा के नुआपाड़ा जिले के एक अस्पताल में 50 वर्षीय एक व्यक्ति अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहा है। दरअसल, इस व्यक्ति को ग्रामीणों ने काला जादू करने का आरोप लगाते हुए कथित तौर पर उसे आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।
पोर्टीपाड़ा गांव के निवासियों ने शुक्रवार शाम को एक बैठक बुलाई थी और पीड़ित खाम सिंह माझी को वहां उपस्थित रहने के लिए कहा गया था।
पुलिस ने बताया कि कंगारू अदालत ने उस पर काला जादू करने का आरोप लगाया और सजा के तौर पर उसे घास-फूस से बनी रस्सियों से बांधकर आग लगा दी।
आग की लपटों ने जब उसे अपनी चपेट में ले लिया तो वह दर्द से चीखता-चिल्लाता हुआ एक घर से दूसरे घर भागता रहा। जब कोई उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया तो आखिरकार उसने एक तालाब में छलांग लगा दी।
पुलिस ने बताया कि उसके परिवार ने उसे तालाब से बाहर निकाला और सिनाप्पली सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। उसकी हालत गंभीर होने के कारण उसे जिला मुख्यालय अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।
माझी के बेटे हेमलाल ने आरोप लगाया कि गांव वालों ने एक बैठक बुलाई और मेरे पिता को काला जादू करने के लिए गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। जब उन्होंने आरोपों से इनकार किया तो उन्होंने पहले उनकी पिटाई की और फिर उन्हें आग लगा दी।
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खरियार के एसडीपीओ अरूप बेहरा ने कहा कि सिनापल्ली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया गया है और आरोपियों की तलाश जारी है। उन्होंने कहा कि पुलिस के गांव पहुंचने पर अधिकांश लोग अपने घरों से भाग गए। उन्होंने कहा कि आरोपों के अनुसार, उन्हें जिंदा जलाने का प्रयास किया गया। जांच अभी प्रारंभिक चरण में है। हम पूरी जांच के बाद ही हमले का कारण पता लगा पाएंगे।