मस्जिद के सामने मुस्लिमों ने मूर्ति विसर्जन के लिए जा रहे हिन्दू श्रद्धालुओं पर की फायरिंग, एक की मौत, कई घायल

उत्तर प्रदेश के बहराइच के हरदी थाना क्षेत्र सांप्रदायिक हिंसा का शिकार हुआ है। यह हिंसा तब हुई तक हिन्दू समुदाय के लोग नाच-गाने के साथ देवी दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के लिए जा रहे थे। जुलूस के एक मस्जिद के सामने पहुँचने पर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने जुलूस पर हमला बोल दिया। हिंसा के दौरान एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जबकि कई अन्य लोग पथराव में घायल हो गए। मृतक की पहचान 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा के रूप में हुई है, जो मूर्ति विसर्जन समूह का हिस्सा था।

मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना रविवार शाम को रेहुआ मंसूर गांव में हुई, जब मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के लिए निकाली जा रही थी। गौरिया घाट की ओर जा रहा जुलूस जब धार्मिक नारे लगाते हुए महाराजगंज इलाके में एक मस्जिद के सामने से गुजर रहा था, तो मस्जिद के पास जमा मुसलमानों ने जुलूस से डीजे संगीत बंद करने को कहा।

इससे दो पक्षों के बीच बहस शुरू हो गई और अफरा-तफरी के बीच कुछ लोगों ने जुलूस और मूर्तियों पर पथराव शुरू कर दिया। हिंदुओं ने वहां मौजूद पुलिस से अपराधियों को गिरफ्तार करने को कहा, लेकिन इसी बीच वहां मुस्लिम समुदाय के और लोग आ गए।

पथराव के बीच कुछ बदमाशों ने फायरिंग भी की। रिपोर्टर्स के मुताबिक, इलाके में अब्दुल हमीद के घर से किसी ने फायरिंग की। रेहुआ मंसूर गांव के कैलाश नाथ के बेटे राम गोपाल मिश्रा को नजदीक से गोली लगी। उन्हें बहराइच के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पथराव में घायल हुए सरोज तिवारी नामक एक अन्य व्यक्ति को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

युवक की मौत से गुस्साए उसके परिजनों और विसर्जन में शामिल अन्य लोगों ने मेडिकल कॉलेज के बाहर शव रखकर सड़क जाम कर दी। घटना के बाद शहर में विसर्जन रोक दिया गया और मूर्तियों को वहीं सड़क चौराहे पर रख दिया गया। पथराव से मूर्तियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं।

विसर्जन जुलूस में शामिल लोगों ने महाराज गज बाजार इलाके में घरों और वाहनों में तोड़फोड़ की और उन्हें आग के हवाले कर दिया। बताया जा रहा है कि गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने चार घरों और कई दोपहिया वाहनों को जला दिया।

हिंदू प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि इस घटना के लिए हरदी पुलिस के जवान जिम्मेदार हैं। उनका कहना है कि पुलिस को शुरुआत में ही स्थिति को शांत करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उनका आरोप है कि मुसलमानों पर कार्रवाई करने के बजाय पुलिस ने हमले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हिंदुओं पर ही लाठीचार्ज किया।

करीब 2 घंटे बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण में किया। स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए इलाके में पुलिस बल तैनात किया गया है। हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने घटना के बारे में मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया।

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पुलिस ने श्रद्धालुओं से मूर्ति विसर्जन जारी रखने को कहा है, लेकिन हिंदुओं ने न्याय की मांग करते हुए ऐसा करने से इनकार कर दिया है। हमले और अराजकता के कारण जुलूस में शामिल बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहले ही भाग चुके थे।