पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने वाले याकूब को अदालत ने सुनाई सजा

लखनऊ की एनआईए की विशेष अदालत ने बुधवार को पाकिस्तान द्वारा संचालित जासूसी मामले में गुजरात के एक निवासी को दोषी करार देते हुए पांच साल कैद की सजा सुनाई। दोषी अनस याकूब गितेली (25) को धारा 123 (भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ना), 120 बी (आपराधिक साजिश), 201 (सबूत नष्ट करना) और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत अलग-अलग सजा सुनाई गई है, जिसमें अधिकतम पांच साल की जेल और जुर्माना शामिल है।

गुजरात निवासी अनस याकूब गितेली को भारतीय सेना में सिग्नलमैन रहे सौरभ शर्मा के साथ 8 जनवरी, 2021 को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था। एनआईए ने एटीएस, यूपी से मामला अपने हाथ में ले लिया था और 5 फरवरी, 2021 को मामला फिर से दर्ज किया था।

आतंकवाद निरोधी एजेंसी ने बाद में दोनों आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था। सौरभ शर्मा को उसी अदालत ने 28 अगस्त, 2024 को दोषी ठहराया था।

एनआईए के विशेष लोक अभियोजक एमके सिंह ने तर्क दिया कि सह-आरोपी सौरभ शर्मा ने नेहा शर्मा उपनाम का उपयोग करके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (आईएसआई) एजेंट के साथ भारतीय सेना की गोपनीय जानकारी और प्रतिबंधित दस्तावेजों को साझा करने की साजिश रची। बदले में सौरभ शर्मा और उनकी पत्नी पूजा सिंह के खातों में पैसा जमा किया गया।

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एमके सिंह ने बताया कि आरोपी अनस याकूब सह-आरोपी पूजा सिंह के खाते में 4,000 रुपये ट्रांसफर करके साजिश में शामिल था, एक लेनदेन जिसके लिए एक स्क्रीनशॉट नेहा शर्मा को भेजा गया था, जिसने फिर इसे सौरभ शर्मा को भेज दिया। संबंधित लेनदेन में, अनस याकूब के भाई इमरान ने 3 जून, 2019 को अपने खाते से सौरभ शर्मा के खाते में 5,000 रुपये ट्रांसफर किए।

बचाव पक्ष के वकील अजीज खान ने कहा कि वे सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।