भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने आज बुधवार को ब्रह्मोस मिसाइल को देश का ‘ब्रह्मास्त्र’ बताया. सीडीएस ने कहा कि आत्मनिर्भरता का मतलब ये नहीं है कि हम भारत में हर चीज का उत्पादन करने जा रहे हैं. हमारे जैसे विकासशील देश के लिए ये मुमकिन भी नहीं है. हम ज्वाइंट वेंचर स्थापित करने जा रहे है. ये अलग-अलग तरह के होंगे और ब्रह्मोस एयरोस्पेस एक ऐसा ही वेंचर है. उन्होंने आगे कहा कि ब्रह्मोस सही मायनों में अपने समय का ‘ब्रह्मास्त्र’ है.
वहीं भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि सुखोई एसयू-30 पर ब्रह्मोस के संयोजन ने जबरदस्त क्षमता दी है जिससे इसकी मारक क्षमता बढ़ी है. उन्होंने आगे कहा कि इसने भारतीय वायुसेना के प्रतिरोध मूल्य को कई गुना बढ़ा दिया है.