नए संसद भवन के उद्घाटन पर मचे विवाद के बीच ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने नया राग छेड़ा है। बनकर तैयार नए संसद भवन का उद्घाटन विपक्ष राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों कराना चाहता है लेकिन एआईएमआईएम प्रमुख चाहते हैं कि इस नई इमारत का उद्घाटन लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला करें। इसके पीछे ओवैसी का अपना तर्क है।
…तो समारोह में AIMIM शिरकत करेगी
उन्होंने बुधवार को कहा कि संसद की नई इमारत का उद्धाटन लोकसभा के अध्यक्ष को करना चाहिए क्योंकि वह संसद के संरक्षक हैं। उन्होंने का कि संसद की नई इमारत का उद्घाटन न तो प्रधानमंत्री को और न ही राष्ट्रपति को करना चाहिए। ओम बिड़ला यदि इस इमारत का उद्घाटन करते हैं तो इस समारोह में उनकी पार्टी शामिल होगी।
लोकसभा अध्यक्ष हैं संसद के कस्टोडियन-ओवैसी
ओवैसी ने आगे कहा कि संसद की नई इमारत का उद्घाटन यदि प्रधानमंत्री करते हैं तो इससे संविधान का उल्लंघन होगा। इससे अधिकार के बंटवारे के सिद्धांत का उल्लंघन होगा। क्योंकि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका का कार्य क्षेत्र स्पष्ट रूप से बंटा हुआ है। प्रधानमंत्री कार्यपालिका से जुड़े हैं जबकि संसद स्वतंत्र है। लोकसभा अध्यक्ष संसद के कस्टोडियन (संरक्षक) हैं, ऐसे में उन्हें भवन का उद्घाटन करना चाहिए।
संविधान का अनुच्छेद 53 (1) पढ़े विपक्ष
संसद की नई इमारत का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों कराने की विपक्ष की मांग को उन्होंने गलत बताया। ओवैसी ने कहा कि विपक्ष के लोग गलत मांग कर रहे हैं उन्हें संविधान के प्रावधानों को पढ़ना चाहिए। विपक्ष को संविधान का अनुच्छेद 53 (1) पढ़ना चाहिए। एआईएमआईएम नेता ने कहा कि उद्घाटन मुद्दे को लेकर विपक्ष के नेताओं ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया। ओवैसी ने कहा, ‘विपक्ष के नेता मुझे अछूत मानते हैं।’
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विपक्ष करेगा उद्घाटन समारोह का बहिष्कार
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद की नई इमारत का उद्घाटन करेंगे। विपक्ष की मांग है कि इस इमारत का उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए। अपनी इस मांग को लेकर विपक्ष के 19 दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है।