28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे। लेकिन उससे पहले कांग्रेस ने बड़ी मांग की है। राहुल गांधी ने कहा कि संसद के नए भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नहीं बल्कि राष्ट्रपति के हाथों होना चाहिए। नये संसद भवन को 64, 500 वर्गमीटर में बनाया गया है। चार मंजिला यह भवन त्रिभुज के आकार में है।
कांग्रेस ने इसे पहले पीएम मोदी का वैनिटी प्रोजेक्ट बताया था।कई विपक्षी नेताओं ने पीएम मोदी द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन करने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि पीएम मोदी सरकार के प्रमुख हैं न कि विधायिका के प्रमुख। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पूछा कि लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति इसका उद्घाटन क्यों नहीं करेंगे। पीएम को संसद का उद्घाटन क्यों करना चाहिए?
यह भी पढ़ें: द केरल स्टोरी को मिला धर्मेंद्र शास्त्री का समर्थन, कही ये बातें
ओवैसी ने भी साधा था निशाना
ओवैसी ने कहा था कि वह कार्यपालिका के प्रमुख हैं, विधायिका के नहीं। हमारे पास शक्तियों का पृथक्करण है और माननीय @loksabhaspeaker और राज्यसभा के सभापति द्वारा उद्घाटन किया जा सकता था। यह जनता के पैसे से बनाया गया है, पीएम अपने दोस्तों की तरह व्यवहार क्यों कर रहे हैं। अपने निजी कोष से इसे प्रायोजित किया है? ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी विकेंद्रीकरण की बात करते हैं। लेकिन हकीकत में काम उलटा कर रहे हैं। संवैधानिक व्यवस्थाओं को एक किनारे किया जा रहा है। सुनियोजित तरीके से उन सभी सिस्टम पर आघात पहुंचाने की कोशिश हो रही है जिस पर कभी नाज हुआ करता था। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने कहा कि यह तो पैसों की बर्बादी है। एक खास शख्स अपनी सनक को पूरी करने के लिए व्यवस्था की बलि चढ़ा रहा है।