तारीख थी 25 नवंबर, 2022.. जिस दिन दो समलैंगिक जोड़ों ने विशेष विवाह अधिनियम के तहत समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। इसके बाद कोर्ट ने याचिका पर नोटिस जारी किया। वहीं सेक्स मैरिज पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र ने कहा कि सरकार बिना मान्यता के समलैंगिकों की समस्याओं पर विचार करने के लिए तैयार है। इसके साथ केंद्र कैबिनेट सचिव स्तर के अफसरों को लेकर एक कमेटी बनाने के लिए भी तैयार है।
कई संगठन और लोगों का मिला समर्थन
देश में एक बार फिर समलैंगिक विवाह का मुद्दा चर्चा में है। जहाँ एक तरफ समाज का एक तबका समलैंगिक जोड़ों की शादी का विरोध कर रहा है।वहीं दूसरी तरफ कई संगठन और लोग इसके पक्ष में है।
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इंडियन साइकियाट्रिक सोसायटी ने पिछले दिनों एक बयान जारी कर कहा कि समलैंगिकता किसी भी तरह की बीमारी नहीं है। भारत के प्रत्येक नागरिक की तरह, एलजीबीटीक्यूआईए समुदाय के सदस्यों के साथ भी बराबरी का बर्ताव होना चाहिए। इस मामले को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी भारत में समलैंगिक विवाह का समर्थन किया। इस मामले को उन्होंने मानवीय मुद्दा बताया और कहा कि इसके खिलाफ फैसला एक निंदनीय रवैया प्रदर्शित करेगा।