देहरादून। नवरात्र के शुभ अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य महिला आयोग में तीन महिलाओं को उपाध्यक्ष के दायित्व के साथ ही राज्य मंत्री का दर्जा भी दे दिया है। इनमें देश में तीन तलाक के विरोध में आवाज बुलंद करने वाली सायराबानो भी शामिल हैं।
तीन तलाक के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाने वाली काशीपुर की महिला सायराबानों को महिला आयोग में उपाध्यक्ष (प्रथम), रानीखेत की ज्योति शाह को उपाध्यक्ष (द्वितीय) और चमोली की पुष्पा पासवान को उपाध्यक्ष (तृतीय) बनाया गया है। राज्य महिला आयोग में उपाध्यक्ष के तीनों पद काफी समय से रिक्त चल रहे थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य महिला आयोग में उपाध्यक्ष के रिक्त पदों का दायित्व सौंपे जाने से राज्य में महिलाओं से सम्बन्धित मामलों एवं समस्याओं के समाधान में मदद मिलेगी।
सायराबानो दस दिन पहले ही भाजपा की उत्तराखंड इकाई में शामिल हुई थीं। उन्होंने ही पहली बार तीन तलाक, बहुविवाह और निकाह हलाला पर बैन लगाने की मांग करते हुए फरवरी 2016 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उसी के बाद देश में तीन तलाक पर राष्ट्रीय बहस छिड़ी और कोर्ट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने तीन तलाक पर कानून बना कर महिलाओं को सशक्त बनाने का काम किया था।