फिल्म पठान में कपड़ों के रंग को लेकर उठे विवाद ने अब राजनीतिक रूप ले लिया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस विवाद की वजह एक धर्म विशेष के एक्टर का होना बताकर बीजेपी पर निशाना साधा। वहीं अब पार्टी के सांसद व लोकसभा में पार्टी के संसदीय दल के नेता एसटी हसन ने भगवा रंग को लेकर साधु-संतों के पहनावे पर सवाल उठा दिया.
सांसद एसटी हसन भी रंग विवाद में कूद पड़े. उन्होंने न्यूज 18 से बातचीत में कहा कि भगवा रंग अगर सिर्फ सनातन धर्मियों का कहा जाए तो यह कोई बात नहीं हुई. कोई भी आदमी उस रंग के कपड़े पहन ले उससे क्या बेइज्जती हो जाएगी. हालांकि इस दौरान उन्होंने हरे रंग को लेकर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि यह रंग क्या सिर्फ मुसलमानों का हो गया?
कांवड़ियों के पहनावे पर की टिप्पणी
सांसद एसटी हसन ने भगवा रंग और पहनावे को लेकर कई सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यदि इतना ही भगवा रंग का ख्याल है तो इस रंग की साधु-संत धोती क्यों पहनते हैं? लोग टेबल, कुर्सी पर भगवा रंग की तौलिया क्यों डालते हैं. कांवड़ यात्रा में भगवा रंग की अंडर वियर क्यों पहनते हैं? इस पर किसी को ऐतराज नहीं है.
समान नागरिक संहिता से खत्म हो जाएंगे मुस्लिमों के अधिकार
एसटी हसन ने कहा कि बीजेपी के नेता समान नागरिक संहिता को लेकर सदन में निजी बिल लाए हैं. यह सिर्फ बिल लाकर हिन्दू-मुस्लिम की राजनीति कर रहे हैं. सपा समान नागरिक संहिता बिल का विरोध करेगी. इससे मुस्लिमों के पर्सनल लॉ खत्म हो जाएंगे और पर्सनल लॉ बोर्ड को भी खतरा है.
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आजम खान को माना खुद का नेता
संसदीय दल के नेता बनाये जाने और मुस्लिम चेहरे के तौर पर आजम की जगह एसटी हसन को स्थापित करने की पार्टी की अंदरूनी रणनीति की चर्चाओं को खारिज किया. उन्होंने कहा कि आजम खान से उनकी कोई तुलना नहीं है. वह उनके भी नेता हैं. उन्होंने कहा कि अखिलेश- शिवपाल मिलकर जनता के आंसू पोंछेंगे. जनता भाजपा से त्रस्त है.