गुजरात के अहमदाबाद में एचएच प्रमुख स्वामी महाराज शताब्दी महोत्सव के उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि इस कार्यक्रम में मैं भारत की जीवंतता और विविधता के हर पहलू को देख सकता हूं। मैं इस तरह के और इतने बड़े पैमाने पर कार्यक्रम के बारे में सोचने के लिए साधु और संतों की सराहना करना चाहता हूं। एचएच प्रमुख स्वामी महाराज जी को श्रद्धांजलि देने के लिए दुनिया भर से लोग आ रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के किसी भी हिस्से में चले जाइए, आपको प्रमुख स्वामी महाराज जी की दूरदर्शिता का परिणाम दिखाई देगा। उन्होंने सुनिश्चित किया कि हमारे मंदिर आधुनिक हैं और हमारी परंपराओं को उजागर करते हैं। उनके जैसे महान और रामकृष्ण मिशन ने संत परंपरा को फिर से परिभाषित किया। महाराज जी देव भक्ति और देश भक्ति में विश्वास करते थे।
पीएम ने कहा कि हमारी महान परंपरा को संतों द्वारा प्रस्थापित वेद से विवेकानंद तक, जिस धारा को प्रमुख स्वामी जैसे महान संतों ने आगे बढ़ाया। उस ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना का आज ‘शताब्दी समारोह’ में दर्शन हो रहा है। प्रमुख स्वामी जी का कहना था कि जीवन का एक सर्वोच्च लक्ष्य सेवा ही होना चाहिए, अंतिम सांस तक सेवा में ही जुटे रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारे यहां नारायण कहते हैं कि ‘नर सेवा ही नारायण सेवा है’ और ‘जीव में ही शिव है’। प्रमुख स्वामी जी से मेरा एक अध्यात्मिक नाता था, एक पिता-पुत्र का स्नेह था, एक अटूट बंधन था। आज भी वह जहां होंगे मेरे हर पल को देखते होंगे, बारीकी से मेरे हर काम को देखते होंगे। उन्होंने, मुझे जो सिखाया-समझाया क्या मैं उसी राह पर चल रहा हूं या नहीं, वह जरूर देखते होंगे।
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पीएम मोदी ने कहा कि डॉ एम एम जोशी के नेतृत्व में ‘एकता यात्रा’ के दौरान जम्मू के रास्ते में हमें एक प्रतिकूल स्थिति का सामना करना पड़ा। जैसे ही मैं जम्मू पहुंचा, मुझे पहला फोन प्रमुख स्वामी महाराज जी का आया, जिन्होंने मेरा हालचाल पूछा।