भारत-चीन के बीच तनाव का दौर जारी है। दोनों देशों के बीच 1962 में एक बार जंग हो चुकी है। वहीं 1965 और 1975 में भी दोनों देशों के बीच हिंसक झड़पें हुई हैं। इन तारीख़ों के बाद एक बार फिर से अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीनी घुसपैठ के बाद दोनों देशों के बीच तनाव के हालात हैं। ऐसे वक्त में जब सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर चीन से मुकाबला करना चाहिए। लेकिन कांग्रेस पार्टी लगातार भारत की सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर है। संसद का सत्र भी चल रहा है और विपक्ष की तरफ से चीनी घुसपैठ पर जबरदस्त हंगामा भी देखने को मिल रहा है। गृह मंत्री अमित शाह ने चीन के मुद्दे को लेकर एक बयान दिया जिसको लेकर हंगामा मच गया है। उन्होंने अपने बयान में राजीव गांधी फाउंडेशन का जिक्र किया है।
क्या कहा अमित शाह ने?
गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में साफ किया कि भारत की 1 इंच भूमि पर भी कब्जा नहीं किया गया है। झड़प के वक्त भारतीय जवानों ने काफी वीरता दिखाई। कुछ ही समय में चीनी सैनिकों को वापस खदेड़ दिया। शाह ने आगे कहा कि चीन से 2005-2006 और 2006-2007 के बीच राजीव गांधी फाउंडेशन ने एक करोड़ 35 लाख रुपए लिए। फाउंडेशन का कहना है कि वह सामाजिक और रिसर्च वर्क के लिए पैसे देते थे, लेकिन इन पैसों का इस्तेमाल भारत-चीन संबंधों को मजबूत करने में किया गया। अगर कोई रिसर्च हुआ होता तो उसके रिपोर्ट दी गई होती।
राजीव गांधी फाउंडेशन क्या है?
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए 21 जून 1991 को सोनिया गांधी ने इस फाउंडेशन की नींव रखी थी। ये फाउंडेशन एजुकेशन, साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रमोशन, शोषित (अंडरप्रिवलेज्ड) और दिव्यांगों के एम्पावरमेंट के लिए काम करता है। डोनेशन और इन्वेस्टमेंट पर मिलने वाले रिटर्न से इसका काम चलता है।
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कांग्रेस को आ रहा चीनी दूतावास से फंड?
भारतीय जनता पार्टी ने इसे पहले भी आरोप लगाया था कि पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की सरकार और भारत में चीनी दूतावास ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व वाले राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) को फंड किया है। सोनिया गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं और इसके बोर्ड में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल हैं। राजीव गांधी फाउंडेशन की सालाना रिपोर्ट के अनुसार साल 2005-06 में राजीव गांधी फाउंडेशन को पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की सरकार और चीनी दूतावास से दो अलग-अलग दानकर्ताओं के रूप में डोनेशन प्राप्त हुआ था।