30 साल पहले आज ही दिन अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बने बाबरी मस्जिद के ढांचे को कार सेवकों ने ढहा दिया था। हिंदू संगठन जहां इस दिन को शौर्य दिवस के रूप में मना रहे हैं, वहीं बाबरी कमेटी विरोध प्रदर्शन करती रही है। ताजा खबर हैदराबाद से है। यहां कुछ मुस्लिम महिलाओं बुरका पहनकर सड़कों पर उतरी और बाबरी विध्वंस के खिलाफ प्रदर्शन किया। घटनाक्रम सैदाबाद इलाके का है। इन महिलाओं ने मुसलमानों से अपील की कि वे अपनी दुकानें बंद कर दें और बाबरी मस्जिद विध्वंस का विरोध करने के लिए अपने घरों पर काले झंडे लगाएं। महिलाओं ने कहा, वे बाबरी मस्जिद को फिर से बनाने का संकल्प लेने के लिए एकत्र हुई हैं।
मथुरा में कड़ी सुरक्षा, धारा 144, जानिए कारण
मथुरा में अखिल भारत हिंदू महासभा समेत कुछ हिंदूवादी संगठनों के ऐलान के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इन हिंदू संगठनों ने ऐलान किया है कि 6 दिसंबर के मौके पर वे ईदगाह परिसर में हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। बता दें, श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास स्थित ईदगाह का मामला कोर्ट में लंबित है। हिंदू पक्ष का आरोप है कि मंदिर की भूमि पर कब्जा कर मस्जिद बनाई गई है। बहरहाल, मथुरा में आज चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बल तैनात है। हिंदू महासभा ने ईदगाह में लड्डू गोपाल की पूजा का ऐलान भी किया है। सूचना मिलने पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद के आसपास के सुरक्षा बढ़ा दी गई। पूरे क्षेत्र को दो सुपर जोन, चार जोन और आठ सेक्टरों में बांटा गया है। आगरा जोन के करीब 1261 जवान सुरक्षा में मुस्तैद किए गए हैं।
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बाबरी विध्वंस की 30वीं बरसी
बता दें, 6 दिसंबर को ही राम मंदिर जन्मभूमि पर बने बाबरी ढांचे को गिराया गया था। 30 साल पहले कार सेवकों ने इसे अंजाम दिया था। हिंदू संगठन इस दिन को शौर्य दिवस के रूप में मनाते हैं। मंगलवार सुबह से सोशल मीडिया पर शौर्य दिवस रैंक कर रहा है। इस मौके पर अयोध्या में भी सुरक्षा के विशेष बंदोबस्त किए गए हैं। वहीं बाबरी कमेटी काला दिवस मना रही है। वैसे बड़ी संख्या में लोगों का कहना है कि राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद यह विवाद पूरी तरह खत्म हो गया है। इसलिए किसी तरह का प्रदर्शन नहीं किया जाना चाहिए।