केंद्र सरकार ने मदरसों में कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति बंद कर दी है। इसे लेकर निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। अब उत्तर प्रदेश के मदरसों में कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति नहीं दी जाएगी। बताया जा रहा है कि शिक्षा के अधिकार के तहत 1 से 8वीं कक्षा तक की पढ़ाई मुफ्त है। छात्रों को अन्य जरूरी वस्तुएं भी दी जाती हैं। मदरसों में मिड डे मील और किताबें फ्री मिलती हैं। इसलिए ऐसे छात्रों को स्कॉलरशिप देने की वजह नहीं बनती। सिर्फ 9वीं और 10वीं के छात्रों को ही स्कॉलरशिप दी जाएगी।
केंद्र सरकार के इस फैसले का भाजपा के पश्चिम उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय अध्यक्ष (अल्पसंख्यक मोर्चा) और अखिल भारतीय पसमांदा मुस्लिम मंच के अध्यक्ष जावेद मलिक ने स्वागत किया है। जावेद मलिक ने कहा कि मदरसा की स्कॉलरशिप आठवीं तक के बच्चों तक नहीं पहुंची। वो तो मदरसा प्रबंधकों तक ही रह जाती थी। जावेद मलिक ने कहा कि केन्द्र सरकार के निर्णय के बाद उनके पास कई मदरसा प्रबंधकों ने फोन किये। फोन उठाने पर हर तरफ से एक ही बात सुनायी दी कि स्कॉलरशिप बंद कर दी गयी, मदरसा कैसे चलेंगे। मदरसा के प्रबंधकों के तो फोन उनके पास आये, किसी बच्चे के अभिभावक का फोन उनके पास नहीं आया।
मलिक ने कहा कि सही मायने में तो किसी बच्चे को स्कॉलरशिप पहुंचती ही नहीं थी। स्कॉलरशिप की राशि एक ही स्थान तक बंध कर रह जाती थी। केन्द्र सरकार के इस निर्णय से काफी हद तक मदरसे में शिक्षा ले रहे बच्चों को तब असर होता, जब स्कॉलरशिप का राशि वहां तक पहुंच रही होती। जो आजतक हुआ ही नहीं, बच्चे निशुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे है। फिर उन्हें स्कॉलरशिप की जरुरत भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि मदरसों में कक्षा एक से आठवीं तक मिलने वाली स्कॉलरशिप को बंद किया गया है। इसमें दो कैटेगरी थी, जिसमें पहली कैटेगरी में कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को एक हजार रुपये की छात्रवृत्ति मिलती थी। कक्षा छह से आठवीं तक कोर्स के अनुसार छात्रवृत्ति दिये जाने का प्रबंध रहा। जावेद मलिक ने ने केन्द्र सरकार के इस फैसले पर भी स्वागत किया कि केन्द्र सरकार ने मदरसा में नौवीं, दसवीं की स्कॉलरशिप पर रोक नहीं लगायी है। केन्द्र सरकार ने आठवीं तक की स्कॉलरशिप ही रोक लगायी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने तो पहले से ही आठवीं तक की स्कॉलरशिप पर रोक लगा रखी है।