ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) पर देश में धर्मांतरण के लिए फंडिंग करने का आरोप लगा है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) समर्थित एक मैगजीन “द ऑर्गेनाइजर” (The Organiser) में एक आर्टिकल में अमेजन पर देश के पूर्वोत्तर में धर्मांतरण के लिए धन देने का आरोप लगाया गया है।
“अमेजिंग क्रॉस कनेक्शन” शीर्षक नाम से छपी इस स्टोरी में पत्रिका ने यह भी आरोप लगाया कि अमेजन के “अमेरिकन बैपटिस्ट चर्च” नामक एक संगठन के साथ वित्तीय संबंध हैं। अमेरिकन बैपटिस्ट चर्च को लेकर आर्टिकल में दावा किया गया कि यह इस क्षेत्र में कनवर्जन मॉड्यूल चला रहा था। वहीं, अमेजन ने आरोपों का खंडन किया है।
पत्रिका में कहा गया, “ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी अमेजन अमेरिकी बैपटिस्ट चर्च (एबीएम) द्वारा चलाए जा रहे क्रिश्चन कनवर्जन मॉड्यूल की फंडिंग कर रही है।” आर्टिकल में मनी लॉन्ड्रिंग की भी आशंका जताई गई है। इसके अलावा, आरोप यह भी लगा है कि एबीएम भारत में अखिल भारतीय मिशन (एआईएम) नाम से एक मोर्चा चला रहा था और कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर खुले तौर पर दावा किया है कि उन्होंने पूर्वोत्तर भारत में 25 हजार लोगों का धर्म परिवर्तन करवाकर ईसाई बनाया है।
ऑर्गेनाइजर ने यह भी दावा किया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सितंबर में पत्रिका द्वारा पहले की एक रिपोर्ट के बाद इस मुद्दे पर संज्ञान लिया है। वहीं, एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि आयोग को सितंबर में शिकायत मिली थी की अरुणाचल प्रदेश के अनाथालयों ने धर्मांतरण किया जा रहा है और इस कनवर्जन मॉडूयल की अमेजन द्वारा फंडिंग की जा रही है।
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आयोग ने इस मामले में अमेजन को नोटिस भी भेजा था, लेकिन कंपनी की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। उन्होंने बताया कि इसके बाद ई-कॉमर्स कंपनी को समन जारी किया गया और नवंबर में आयोग ने अमेजन इंडिया के तीन अधिकारियों से मुलाकात की। द इंडियन एक्सप्रेस ने अमेजन से भी संपर्क किया। इसके प्रवक्ता ने कहा कि अमेजन इंडिया का इस तरह के किसी मिशन या उसके सहयोगियों से कोई संबंध नहीं है और ना ही अमेजनस्माइल प्रोग्राम अमेजन इंडिया मार्केटप्लेस पर संचालित होता है।