सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों को भरने की कवायद शुरू हो गई है। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के सभी उपक्रमों (पीएसयू) से रिक्तियों का आंकड़ा मांगा है और देश में बेरोजगारी कम करने के उद्देश्य से उन्हें भरने के लिए रोडमैप तैयार करने को कहा है।
एक सार्वजनिक उपक्रम के अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि सरकार ने निचले स्तर से लेकर वरिष्ठ स्तर पर रिक्तियों के संबंध में जानकारी मांगी है। विपक्षी दलों के देश में बढ़ती बेरोजगारी पर लगातार हमलावर होने के बीच सरकार ने रिक्तियों को भरने की कोशिश शुरू कर दी है। अधिकारी ने कहा कि निर्देश के अनुसार इस साल दिसंबर तक चिन्हित इंट्री लेवल की रिक्तियों को अगले साल अगस्त-सितंबर तक भरा जाना है।
जल्द मिलेंगी बंपर नौकरियां
अधिकारी ने कहा कि सरकारी संस्थानों में रिक्तियों को भरने में समय लगता है क्योंकि नियुक्तियां पारदर्शी तरीके से और दिशा-निर्देशों का पालन करके की जाती हैं। विज्ञापन के आधार पर परीक्षण और साक्षात्कार आयोजित किए जाते हैं, तब जाकर योग्य उमीदवार का चयन हो पाता है। प्रत्येक चरण में समय लगता है क्योंकि देश भर के उम्मीदवार इस प्रक्रिया में भाग लेते हैं।
कितनी है सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों की संख्या
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021 के अंत में देश में 255 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (सीपीएसई) काम कर रहे थे। वित्त वर्ष 2021 के दौरान इन संगठनों ने1.89 लाख करोड़ रुपये का लाभ कमाया है। आपको बता दें कि पिछले महीने वित्त मंत्रालय ने रोजगार की स्थिति और भर्ती योजना का जायजा लेने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के साथ एक बैठक बुलाई थी। 2012-13 के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कर्मचारियों की कुल संख्या 8.86 लाख थी। 2020-21 के दौरान यह घटकर 7.80 लाख रह गई।
बैंक कर रहे हैं भर्तियां
बैंकों ने भर्ती के लिए विज्ञापन भी जारी करना शुरू कर दिया है। देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने हाल ही में 1,673 परिवीक्षाधीन अधिकारियों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था।
मिशन मोड में आई सरकार
बेरोजगारी के मुद्दे पर विपक्ष की लगातार आलोचना के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून में विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों से अगले डेढ़ साल में 10 लाख लोगों की भर्ती “मिशन मोड” पर करने के लिए कहा था। सभी सरकारी विभागों और मंत्रालयों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा के बाद प्रधानमंत्री की ओर से यह निर्देश आया है। 2024 में होने वाले अगले आम चुनाव से पहले रिक्त पदों को भरे जाने की संभावना है। बता दें कि इस साल की शुरुआत में सरकार ने संसद में जानकारी दी थी कि 1 मार्च, 2020 तक केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में लगभग 8.72 लाख पद खाली थे। अकेले भारतीय रेलवे में लगभग 2.3 लाख पद खाली हैं।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में श्रम भागीदारी में वृद्धि के कारण सितंबर में भारत की बेरोजगारी दर गिरकर 6.43 प्रतिशत हो गई। अगस्त के दौरान भारत की बेरोजगारी दर एक साल के उच्च स्तर 8.3 प्रतिशत पर पहुंच गई थी।