कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने बंद कर दी है। सु्प्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वो जांच आयोग की सिफारिशों पर उचित कार्रवाई करे। इसके साथ ही कोर्ट ने पैनल की रिपोर्ट को सार्वजनिक डोमेन में डालने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की रिपोर्ट जांच आयोग सौंप चुका है। लिहाजा इस मामले मे कुछ नहीं बचा है। सुप्रीम कोर्ट ने आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के आदेश देते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर भी डालने को कहा है।
8 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया था
कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी विकास दुबे यूपी पुलिस के एनकाउंटर में मारा गया था। ये घटना पूरे देश में सुर्खियां बनी। सुप्रीम कोर्ट ने साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन किया। पैनल ने अपनी जांच रिपोर्ट में यूपी पुलिस को क्लीन चिट दे दी थी। इस रिपोर्ट को पिछले साल यूपी विधानसभा में पेश किया गया था। रिपोर्ट को हरी झंडी मिलने के बाद आयोग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई। इस रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आयोग की सिफारिशों पर उचित कार्रावई करने के लिए योगी सरकार को निर्देशित किया है।
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चीफ जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने आदेश जारी करते हुए कहा कि यूपी सरकार जांच आयोग की रिपोर्ट में बताई गई गाइडलाइन पर अमल करते हुए उचित कार्रवाई करे। इससे पहले गुरुवार को गैंगस्टर विकास दुबे के लखनऊ स्थित इंद्रलोक कॉलोनी की संपत्ति जब्त कर ली गई थी। पुलिस ने यह कार्रवाई उसके खिलाफ दर्ज गैंगस्टर के मुकदमे में की है। पुलिस टीम ने पहुंचकर विकास दुबे के घर के सामने मुनादी कराई और कार्रवाई की। इस कार्रवाई को लेकर प्रभारी निरीक्षक कृष्णानगर आलोक राय ने बताया था कि कानपुर के बिकरू कांड में मुख्य आरोपी विकास दुबे का इंद्रलोक नगर में मकान है। उसके खिलाफ कृष्णा नगर थाने में गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने मई में मुनादी कराकर संपत्ति को नीलाम करने की नोटिस चस्पा की थी। इसी क्रम में गुरुवार को पूरी टीम ने मुनादी कराई और संपत्ति को सीज कर दिया।