बाला साहेब ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे का कहना है कि शिवसेना के प्रतीक चिह्न को लेकर कोई भम्र में न रहे। उन्होंने कहा, “धनुष-बाण वाला चिन्ह शिवसेना का है और हमेशा रहेगा।” ये बात ठाकरे ने ठाणे नगर निगम से शिवसेना के 66 पूर्व पार्षदों के शिंदे गुट में चले जाने के बाद कही।
मालूम हो कि, उद्धव ठाकरे ही जून 2022 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कांग्रेस पार्टी और एनसीपी के समर्थन से सरकार बनाई थी। जिससे बीजेपी खफा थी। शिवसेना में मची अंतकर्लह का लाभ बीजेपी को मिला और शिंदे का समर्थन कर बीजेपी फिर से महाराष्ट्र की सरकार में आ गई। वहीं, उद्धव की अगुवाई वाले शिवसेना का गुट लगातार कमजोर पड़ता जा रहा है। इस पर उद्धव ठाकरे का कहना है कि, वे भीशिवसैनिक हैं और कोई शिवसेना पर कब्जा नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा, “शिवसेना को मुझसे कोई नहीं छीन सकता। जिन्हें जाना है वो जाएं, किसी के जाने से पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा।” उन्होंने पार्टी के सिंबल पर भी कहा कि, ऐसे फैसले से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला, बल्कि उनकी अगुवाई में पार्टी और मजबूत होकर खड़ी होगी।
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पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बागियों पर जुबानी हमला किया। उन्होंने कहा कि, ये लोग उनके साथ जा मिले जिन्होंने ठाकरे परिवार के बारे में भला-बुरा कहा था, जिन्होंने बाला साहेब ठाकरे का अपमान किया था। मेरे साथ जो विधायक बचे हैं उन्हें भी लालच दिया गया था, लेकिन उन्होंने पार्टी के प्रति निष्ठा दिखाई। उद्धव ने कहा कि, “शिवसेना का चिह्न हमसे कोई नहीं छीन नहीं सकता। जो विधायक छोड़कर जा सकते हैं वो जाएं, लेकिन शिवसेना बरकरार रहेगी। बकौल उद्धव, “लोगों की खातिर हम नगरीय निकाय चुनाव जरूर लड़ेंगे।”