श्रीनगर: जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में एक बार फिर माहौल को बिगाड़ने की कोशिशें हो रही हैं. यहां की सबसे बड़ी मस्जिद जामिया मस्जिद (Jamia Masjid) में शुक्रवार को भारत विरोधी नारे लगाए गए. यहां पर जुमे की नमाज के बाद जमा भीड़ को कथित तौर आजादी के नारे लगाते हुए सुना गया. इस तरह के नारे 1990 के दशक में सुने गए थे, जब कश्मीरी पंडितों के पलायन की शुरुआत हुई थी. इस नारेबाजी का वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर उस दौर को याद करना शुरू कर दिया. जामिया मस्जिद में रमजान के पहले जुमे की नमाज के बाद मस्जिद में जमा हुई भीड़ को आजादी के नारे लगाते और भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी जाकिर मूसा की जय-जयकार करते हुए सुना गया. उसे 24 मई 2019 को कश्मीर में भारतीय सेना ने मार गिराया था. मूसा कश्मीर में आतंक का बड़ा चेहरा था. वह हिजबुल मुजाहिदीन से अलग होकर 2017 में अल-कायदा में शामिल हो गया था.
एक व्यक्ति को किया गया गिरफ्तार
इस दौरान मस्जिद में नारेबाजी करने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है. स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार जामिया मस्जिद के अंदर नारेबाजी करने के आरोप में एक व्यक्ति को श्रीनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दरअसल, जुमे की नमाज के दौरान मस्जिद में भारी भीड़ जमा हुई थी. नमाज पढ़ने करीब 24 से 25 हजार लोग पहुंचे थे. नमाज खत्म होने के बाद करीब 25 युवाओं ने कुछ देर के लिए राष्ट्र विरोधी नारेबाजी आरंभ कर दिया.
नारेबाजी के बाद होने लगा हंगामा
मस्जिद में नारेबाजी कर रहे नामाजी दो गुट में बंट गए. जामिया मस्जिद के इंतेजामिया कमेटी के युवाओं और स्वयंसेवकों ने इस तरह की नारेबाजी का विरोध किया. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच कहासुनी होने लगी. मस्जिद के अंदर हंगामे जैसी स्थिति पैदा हो गई. पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि नारेबाजी करने वालों को लोगों ने वहां से खदेड़ दिया गया. इस संबंध में नौहट्टा में मामला दर्ज किया गया है.
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पुलिस ने शुरू की छापेमारी
राष्ट्रविरोधी नारों का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने कई स्थानों पर छापेमारी की. पुलिस प्रवक्ता के अनुसार नारेबाजी के मुख्य आरोपी हवाल, नौहट्टा निवासी नबी भट्ट के बेटे बशारत नबी भट्ट को गिरफ्तार किया गया है. कई अन्य संदिग्धों से पूछताछ जारी है. पुलिस के अनुसार मुख्य आरोपी को जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज को बाधित करने और कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा करने के लिए पाक में आतंकी संगठनों के आकाओं से निर्देश मिला था.