यूक्रेन और रूस में हो रहे युद्ध के दौरान भारतीय छात्रों पर संकट आ गया है। यूक्रेन के सैनिक भारतीय छात्रों पर अपनी खीज निकाल रहे हैं। शनिवार को पोलैंड के रास्ते बार्डर पार करने पहुंचे यूक्रेन की लवीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के सैकड़ों भारतीय छात्र-छात्राओं पर सैनिकों ने लाठियां बरसाई। उन्हें बार्डर पार करने नहीं दिया गया। लाठी-चार्ज के दौरान कई के हाथ-पैर टूट गए। घायल छात्र-छात्राओं को इलाज भी नहीं मिल रहा है।
इतना ही नहीं उन्हें गन प्वाइंट पर सैनिकों ने बंधक बनाकर रखा है और धमकी दे रहे हैं। शौच तक जाने की इजाजत नहीं दे रहे हैं। बार्डर पर 10-12 घंटे लाइन में खड़े होने के बाद उन्हें मारकर भगा दिया गया। करीब 200-300 छात्र पोलैंड बार्डर से वापस लवीव शहर अपने हास्टल और बंकर में चले गए। वहीं, सैकड़ों छात्र अभी भी पोलैंड बार्डर पर हैं। रविवार को विवि की प्रथम वर्ष की छात्रा खुशी चौहान ने यह जानकारी दैनिक जागरण को दी। खुशी यहां इंदिरानगर की रहने वाली हैं। उन्होंने दो माह पहले ही लवीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस प्रथम वर्ष में दाखिला लिया था। खुशी ने वहां की कुछ फोटो और वीडियो भी साझा किए। खुशी ने बताया कि उनके पास जो राशन है वह भी खत्म हो रहा है। हालात बहुत खराब है। खुशी और उनके साथियों ने भारतीय दूतावास से अपील की है कि उन्हें सुरक्षित वहां से निकालकर उनके घर पहुंचाया जाए।
बार्डर पर दस्तावेज तैयार कराने के दौरान वसूल रहें 50-100 डालर : मुंबई की रहने वाली लवीव की एक छात्रा ने अपने कालेज के दोस्तों के ग्रुप पर आडियो और वीडियो डालकर बताया कि वह बहुत परेशान है। उनके साथ कुछ भी हो सकता है। भारतीय छात्रों को पोलैंड बार्डर से सुरक्षित निकालने की घोषणा यूक्रेन सरकार ने की थी। उन्हें बार्डर निश्शुल्क पार कराया जाएगा, यह जानकारी दी गई थी। छात्र-छात्राएं जब पोलैंड बार्डर पहुंच रहे हैं तो दस्तावेज चेक करने के दौरान और फार्म भरवाने के लिए उनसे 50-100 डालर मांगे जा रहे हैं। रुपये न देने पर उनके साथ मारपीट कर रहे हैं। उनका बैग फेंक देते हैं और मारपीट कर रहे हैं। छात्रा ने रो-रोकर अपने पीड़ा दोस्तों को आडियो के माध्यम से सुनाई।
तीन रात से नहीं सोए, पोलैंड बार्डर पर ट्रम्परेचर -पांच डिग्री : खुशी और उनके दोस्तों के बताया कि 25 फरवरी को वह लोग सीमा पार करने के लिए भाड़े की बस करके पोलैंड बार्डर पर पहुंचे थे। वहां पूरी रात बिस्कुट और चिप्स के सहारे काटी। खाने को कुछ मिला नहीं। रात में ट्रम्परेचर -पांच डिग्री पहुंच गया। दो रात जागते रहे। फिर भी उन्हें बार्डर पार करने नहीं दिया गया। अब वह लोग वापस कालेज के पास बंकर में पहुंच गए हैं। खुशी ने बताया कि यहां बहुत खतरा है। कर्फ्यू खुलने पर किसी जरूरत के लिए बाहर निकलो तो यहां असलहों से लैस रसियन सैनिक मिलते हैं। बहुत डर लग रहा है। तीन रातों से कोई सो नहीं सका है।
खारकीव के हालात बेहद खराब, हमले से फटी गैस पाइप लाइन, नहीं मिला खाना : खारकीव में हमले लगातार जारी हैं। यहां के हालात बेहद नाजुक हैं। रूस के हमले से गैस पाइप लाइन भी फट गई है। शनिवार से खाने को कुछ नहींं मिला। यह मैसेज खारकीव मेडिकल कालेज की छात्रा श्रेया मिश्रा का है। उसने हरदोई में रहने वाले अपने पिता को देर रात मैसेज कर जानकारी दी। श्रेया ने बताया कि बंकर में अब लाइट भी नहीं आ रही है। पानी भी बहुत मुश्किल से मिल रहा है। रुपये भी खत्म हो गए हैं। जो थोड़े बहुत हैं तो कर्फ्यू खुलने पर एटीएम पर निकालने जाओ तो वहां लंबी लाइन लगी रहती है। सैनिक भारतीयों को रुपये भी नहीं निकालने देते हैं।
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रूस की सीमा से नजदीक है हास्टल इसलिए चिंता ज्यादा : गोसाईगंज के व्यवसायी अवध किशोर मिश्रा का बेटा सक्षम खारकीव से एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र है। अवध किशोर ने बताया कि बेटा जिस मेट्रो हास्टल में रहता है वह रूस की सीमा से 25 किमी दूर है। इसलिए डर अधिक लग रहा है। क्योंकि वहां के हालात ज्यादा नाजुक हैं। मोहनलालगंज खुजौली के ताहिर हुसैन समेत चार छात्र हैं। सक्षम ने बताया कि पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। शनिवार को वह बाजार गए थे। जल्दी से थोड़ा सामान खरीदकर लाए थे। अब वह बंकर में हैं। बंकर से निकलने नहीं दिया जा रहा है।