प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा (PM Narendra Modi In Rajya Sabha) में दिए गए अपने भाषण में कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है. राज्यसभा में पीएम मोदी (Narendra Modi Speech) ने कहा कि लोकतंत्र और बहस भारत में सदियों से चल रहा है और कांग्रेस की परेशानी यह है कि परिवारवाद के आगे उन्होंने कुछ सोचा ही नहीं. साथ ही उन्होंने इस दौरान कांग्रेस को तंदूर कांड (Tandoor Murder Case) के लिए भी जिम्मेदार बताया और कहा कि कांग्रेस नहीं होती तो बेटियों को तंदूर में फेंकने की घटना नहीं होती. इतना ही नहीं, उन्होंने कांग्रेस को देश की कई समस्याओं के लिए जिम्मेदार बताया.
पीएम मोदी की ओर से तंदूर कांड का जिक्र होने पर सवाल ये है कि आखिर ये तंदूर कांड क्या है और क्यों कांग्रेस को इस कांड को लेकर आरोपों के घेरे में खड़ा किया जाता है. ऐसे में आज हम आपको तंदूर कांड के बारे में बता रहे हैं और बता रहे हैं कि मंगलवार को पीएम मोदी ने कांग्रेस पर और क्या क्या आरोप लगाए हैं…
क्या बोले पीएम मोदी?
पीएम मोदी ने कहा, ‘संसद में कहा गया कि कांग्रेस न होती तो क्या होता, इसका जवाब मैं देता हूं. महात्मा गांधी की ही यह इच्छा थी. अगर उनकी इच्छा के अनुसार अगर कांग्रेस न होती तो आज लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता. अगर कांग्रेस न होती तो आपातकाल का कलंक न होता. अगर कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंहार न होता. पंजाब सालों तक आतंकवाद की आग में नहीं जलता, कश्मीरी पंडितों को कश्मीर नहीं छोड़ना पड़ता. कांग्रेस नहीं होती तो बेटियों को तंदूर में फेंकने की घटना नहीं होती.’ इसके अलावा भी कांग्रेस को करप्शन, जातिवाद, क्षेत्रवाद, पंजाब में आतंकवाद का जिम्मेदार बताया.
क्या है तंदूर कांड?
बता दें कि 2 जुलाई 1995 को सुनील शर्मा नाम के एक शख्स ने अपनी पत्नी नैना साहनी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके बाद सुनील शर्मा अपनी पत्नी को अपने होटल में ले गया, जहां उसने पत्नी को मक्खन डालकर तंदूर में जलाने की कोशिश की. रिपोर्ट्स के अनुसार, देर रात को जब रेस्टोरेंट खाली हो गया तो उसे तंदूर मे जलाना शुरू कर दिया. इसके बाद रेस्टोरेंट के ठीक बाहर फुटपाथ पर सब्जी बेचने वाली एक महिला की नजर जब लपटों पर पड़ी तो उसे लगा कि रेस्टोरेंट मे आग लग गई है और वह चिल्लाने लगी, महिला के चिल्लाने की आवाज सुनकर पैहरा दे रहे दिल्ली पुलिस के सिपाही अब्दुल नजीर वहां पहुंचे.
जैसे ही वह आग को देखने के लिए रेस्टोरेंट की तरफ बढ़े तो उन्हें सुनील दिख गया और इस तरह से उसका अपराध दुनिया के सामने आ गया. ये देश का सबसे चर्चित कांड माना जाता है, जिसमें किसी महिला को तंदूर में जला दिया गया था. इसके बाद साल 2000 में ट्रायल कोर्ट ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने जारी रखा था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बदलते हुए शर्मा को राहत दी थी और सजा को उम्रकैद में बदल दिया था. इसके बाद उसे 2015 में पेरौल पर रिहा भी किया गया और 2018 में सजा पूरी होने पर रिहा कर दिया गया था. इस मामले में सुनील शर्मा ने 23 साल जेल में बिताए थे.
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कांग्रेस से क्यों जोड़ा जाता है?
जब सवाल ये है कि इस मर्डर केस को कांग्रेस से क्यों जोड़ा जाता है. इस वजह ये है कि सुनील शर्मा कांग्रेस नेता था. दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे सुशील ने ही इस घटना को अंजाम दिया था, इसके अलावा नैना भी कांग्रेस की कार्यकर्ता थी, जिससे सुशील ने शादी की थी. पीएम मोदी से पहले भी कई नेता कांग्रेस पर तंदूर कांड को लेकर आरोप लगाते रहते हैं.