किसी कीमत पर सत्ता पाने का सपना देख रहे “नकली समाजवादी” : प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कानून व्यवस्था को लेकर पूर्ववर्ती सरकार को घेरते हुये कहा कि भाजपा शासन में किसान, कर्मचारी, व्यापारी और महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उप्र के मतदाता ‘दंगाइयों की मानसिकता’ वाले इन लोगों से सतर्क हैं और वे पुराने दिनों की वापसी नहीं चाहते। उन्होंने पिछली बार से ज्यादा वोटों से भाजपा को जिताने का फैसला किया है।

प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर भाजपा की पहली वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुये कहा कि पश्चिमी उप्र वह भूमि है जिसने 1857 के विद्रोह में राष्ट्र को एकता का संदेश दिया था। हम एक साथ खड़े हों तो कोई नहीं हरा सकता है। प्रधानमंत्री आज भाजपा के जन चौपाल कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, सहारनपुर और गौतमबुद्ध नगर के मतदाताओं को संबोधित कर रहे थे।

प्रधानमंत्री ने अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुये कहा कि एक तरफ भाजपा है, जिसके पास विकास का स्पष्ट विजन है, साफ सुथरा ईमानदार और दमदार नेतृत्व है। वहीं दूसरी तरफ अहंकार से भरे, समाज को तोड़ने वाले, किसी भी कीमत पर सत्ता पाने का सपना देख रहे ये “नकली समाजवादी” हैं। विजन के नाम पर इनके पास सिर्फ विरोध, गुस्सा और आक्रोश है।

भाजपा ने अपने चुनावी वादे पर अमल करते हुये उप्र के विकास के लिए कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ी है। योगी सरकार की सराहना करते हुये कहा कि पांच वर्षों में उप्र सरकार ने पूरी ईमानदारी और निष्ठा से जनता की सेवा और प्रदेश के विकास का प्रयास किया है। अखिलेश यादव के सपने में भगवान कृष्ण के आने पर तंज कसते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि योगी आदित्यनाथ जाग रहे हैं और उप्र के विकास के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उप्र की पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर निशाना साधते हुये कहा कि कोई भूल नहीं सकता कि पांच साल पहले उप्र को लेकर क्या चर्चा होती थी। उस समय दबंग और दंगाई ही कानून थे और उनका कहा ही शासन का आदेश था। उन्होंने कहा कि पांच साल पहले व्यापारी लुटता था, बेटी घर से बाहर निकलने में घबराती थी और माफिया, सरकारी संरक्षण में खुलेआम घूमते थे।

प्रधानमंत्री ने 2013 में मुजफ्फरनगर में हुये दंगों के दौरान इटावा में आयोजित सैफई महोत्सव को लेकर अखिलेश सरकार को घेरते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि पश्चिमी उप्र के लोग कभी नहीं भूल सकते कि जब ये क्षेत्र दंगे की आग में जल रहा था, तो पहले वाली सरकार उत्सव मना रही थी। समुदाय विशेष के आंतक के कारण पश्चिमी उप्र से हिन्दुओं के पलायन का जिक्र करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि पांच साल पहले गरीब, दलित, वंचित, पिछड़ों के घर-जमीन-दुकान पर अवैध कब्जा, समाजवाद का प्रतीक था। लोगों के पलायन की आए दिन खबर आती थी।

उन्होंने कहा कि आज उप्र का किसान, कर्मचारी, व्यापारी और माताएं-बहनें-बेटियां सभी को सुरक्षा और सम्मान मिल रहा है। जो माफिया और गुंडे खुद को कानून से भी बड़ा मानते थे, उप्र की भाजपा सरकार ने उन्हें कानून का मतलब समझा दिया है।

समाजवादी पार्टी में टिकट वितरण में जाटों की अनदेखी कर समुदाय विशेष और अपराधी पृष्ठभूमि के लोगों को उम्मीदवार बनाने को लेकर निशाना साधते हुये कहा कि हम उप्र में बदलाव के लिए खुद को खपा रहे हैं, वो आपसे बदला लेने की ठानकर बैठे हैं। इन लोगों ने जिन्हें टिकट दिया है, वो इसका एक और सबूत है। ये बदला लेना ही हमेशा से उनकी सोच रही है। उन्होंने कहा कि वह खुश हैं कि उप्र के लोग इन दंगाई सोच रखने वालों से बहुत सावधान और सतर्क हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा काम और उनके कारनामे और कारस्तानी देखकर इस बार भी उप्र की जनता, भाजपा को भरपूर आशीर्वाद देने जा रही है। इसमें फर्स्ट टाइम वोटर्स खुलकर भाजपा के साथ हैं। नोएडा दौरे को लेकर बने मिथक को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग जो सत्ता खोने के अंधविश्वास के कारण नोएडा जैसे युवा आकांक्षाओं के क्षेत्र में आने से भी कतराते हैं, क्या वो युवाओं के सपनों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं?

प्रधानमंत्री ने कोरोना वैक्सीन को लेकर अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुये कहा कि जो देश के अपने टीके पर विश्वास नहीं करते और अफवाहों को हवा देते हैं, क्या वो उप्र के युवाओं के टैलेंट और उनके इनोवेशन का सम्मान कर सकते हैं?

उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास, ये हमारे लिए डबल इंजन सरकार की नीति और निष्ठा का मूल मंत्र भी है। बीते वर्षों में जो भी योजनाएं भाजपा सरकार ने लागू की हैं, उनका लाभ सभी को मिला है, बिना किसी भेदभाव मिला है। यही भावना तो हमारे संविधान के मूल में है।

महिल सशक्तिकरण को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि तीन तलाक के खिलाफ जो कानून सरकार ने बनाया, उसका लाभ लाखों मुस्लिम बहनों-बेटियों को हुआ है। बेटे-बेटी को एक समान मानने वाली हमारी सरकार अब बेटियों की शादी की उम्र को 21 साल करने का प्रयास कर रही है। इसस बेटियों को अपने सपने पूरे करने में और मदद मिलेगी।

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उप्र के लोग तो पहले की सरकार में रहने वालों की बदनीयत को अच्छी तरह जानते हैं। इन लोगों ने भ्रष्टाचार और रियल एस्टेट माफिया का ऐसा गठबंधन कराया कि एनसीआर के हजारों फ्लैट खरीदारों के जीवन भर की पूंजी लुट गई। इसका बहुत बड़ा नुकसान हमारे मध्यम वर्ग के लोगों को उठाना पड़ा।