उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कभी भी मुसलमानों के हितैषी नहीं रहे। वह हमेशा मुसलमानों को झगड़ालू कौम बताते रहे हैं। इनके शासनकाल में सैकड़ों दंगे हुए और आरोपी बरी होते रहे। मुसलमान इनके लिए केवल वोट बटोरने का साधन मात्र रहा। यह बातें राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा के अध्यक्ष मोहम्मद परवेज सिद्दीकी ने सोमवार को कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में कही।
परवेज सिद्दीकी ने कहा कि मौजूदा सरकार में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लोगों का बेहिसाब पलायन हुआ। लोगों में भय का माहौल पैदा किया गया। अखिलेश यादव पर आरोप लगाते हुए परवेज सिद्दीकी ने कहा कि इस देश को यदि बचाना है तो हर वर्ग, हर धर्म के लोगों को कांग्रेस के साथ खड़ा होना पड़ेगा।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष व पूर्व विधायक सतीश अजमानी एवं पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी की उपस्थिति में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को समर्थन देने की घोषणा की।
प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा आचार संहिता की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। प्रशासन पूरी तरह से प्रदेश और केन्द्र के दबाव में कार्य कर रहा है। अधिकारी पूरी तरह से सरकार के रिमोट कन्ट्रोल से संचालित हो रहें हैं। उन्होंने कहा गृहमंत्री अमित शाह कैराना में सैकड़ों लोगों के साथ कोविड प्रोटोकॉल तोड़कर प्रचार कर रहे हैं। क्या यह सत्तारूढ़ दल पर चुनाव आयोग कि मेहरबानी मानी जाये ?
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि बहराइच में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती एक सभागार में मनायी जानी थी। सभागार की क्षमता 500 कुर्सियों की है लेकिन कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मात्र 90 लोग उपस्थित थे। इसके बावजूद कोविड प्रोटोकॉल के नाम पर पुलिस द्वारा कार्यक्रम नहीं करने दिया गया। उन्होंने कहा कि क्या आचार संहिता केवल विपक्षी दलों के लिए है ? सत्तारूढ़ दल के लिए ऐसा प्रतीत होता है कोई कायदा कानून नहीं है। पूरी तरह से चुनाव आयोग सवालों के घेरे में है।