जिले की दो विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवार घोषित करने के बाद शनिवार से प्रचार-प्रसार के साथ जनसम्पर्क तेज हो गया है। दिबियापुर विधानसभा से वर्तमान विधायक व कृषि राज्यमंत्री पर पार्टी ने भरोसे को कायम करते हुए जनता का आर्शीवाद लेने में जुट गए हैं। वहीं बिधूना विधानसभा से पहली बार चुनाव मैदान में उतरी रिया शाक्य को टिकट देकर बड़ा दांव खेलते हुए सपाई खेमे में सेंधमारी कर हलचल पैदा कर दी है।
बिधूना विधानसभा से भाजपा ने विधायक की पुत्री को चुनावी मैदान में उतार कर एक तीर से दो निशाने साधने के प्रयास किए हैं। रिया शाक्य को टिकट देकर पार्टी ने स्वामी प्रसाद और उसके बाद विनय शाक्य के पार्टी छोड़ने से हुए नुकसान की भरपाई की है। वही पार्टी यह संदेश देने में भी सफल हुई है कि भाजपा पीड़ित के साथ खड़ी हुई है।
गौरतलब है कि हाल ही में विधायक विनय शाक्य के सपा में शामिल हो जाने के बाद पुत्री रिया ने चाचा पर पिता के अपहरण करने का आरोप लगाया था।
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आयरन लेडी बनकर उभरी रिया
स्वामी प्रसाद मौर्य के समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने के बाद विधायक विनय शाक्य का सपा में जाना तय हो गया था ।जिसका असर प्रदेश की राजनीति पर पड़ता साफ दिखाई दे रहा था। ऐसे में विधायक विनय और चाचा देवेश शाक्य के खिलाफ मजबूती से खड़े होकर भारतीय जनता पार्टी से टिकट हासिल कर रिया शाक्य मजबूत लीडर बनकर उभरी है। पूरे प्रकरण में भाजपा उम्मीदवार जनता और भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व को यह विश्वास दिलाने में सफल हो गई कि उनके पिता भले ही भाजपा का साथ छोड़ गए हो वह अभी भी मजबूती के साथ भाजपाई हैं।