विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय में चुनाव सेल बनाया गया है। सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए मंगलवार को बहुआयामी रणनीति बनायी गयी है। इसके तहत सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए चौबीस घंटे के लिए सोशल मीडिया मानिटरिंग सेंटर पर तीन शिफ्टों में पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगायी गई है।
चुनाव सेल प्रभारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सोशल मीडिया मानिटरिंग सेंटर में वर्तमान में एक पुलिस उपाधीक्षक, तीन प्रभारी निरीक्षक, आठ उपनिरीक्षक, 21 मुख्य आरक्षी और आरक्षी कार्यरत रहेंगे। ये लोग अपर पुलिस अधीक्षक सोशल मीडिया सेल के पर्यवेक्षण में होगे। इसके अलावा सोशल मीडिया पर आने वाली आपत्तिजनक पोस्ट, फर्जी खबरें और एमएसीसी के उल्लंघन के प्रकरण में कार्यवाही करने के लिए 15 पुलिसकर्मियों की एक अतिरिक्त टीम नियुक्त की जा रही है। कहा कि प्रतिदिन हो रहे कार्यों को लेकर अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था को अवगत कराते हुए अपडेट रखा जायेगा।
सोशल मीडिया मानीटरिंग सेंटर की ओर से चुनाव सम्बंधी कोई भी ट्वीट प्राप्त होने पर तत्काल सम्बन्धित जनपद, परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक एवं जोनल अपर पुलिस महानिदेशक को प्रेषित प्रेषित कर एवं उसमे अपेक्षित विधिक कार्यवाही के संबंध में जिलों से जवाब देना सुनिश्चित कराया जायेगा। समस्त महत्वपूर्ण प्रकरणों को आईजी लॉ एण्ड आर्डर या फिर एडीजी लॉ एण्ड आर्डर द्वारा कार्रवाई के निर्देश जनपदीय अधिकारियों की वीडियो अपलोड करायी जाती है।
कहा कि चुनाव सम्बंधित फर्जी खबरों का सत्यापन और उप्र पुलिस के अधिकारिक ट्वीटर हैंडल से किया जायेगा, जिसके लिए एक टीम की भी नियुक्ति कर दी गयी है। इसके अलावा सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म फेसबुक, इंस्टाग्राम यूट्यूब और टेलीग्राम अन्य साइड की भी राउंड द क्लॉक मानिटरिंग की जा रही है उसके लिए भी एक पृथक टीम लगायी गयी है।
आगे बताया कि प्रदेश के सभी गांव और मोहल्ले से अविलम्ब सूचना प्राप्त करने के लिए उप्र पुलिस के व्हाटसअप के डिजिटल वालंटियर के ग्रुप को और भी सृदढ़ किया जा रहा है। इसमें पांच लाख से अधिक लोग जुड़ चुके हैं। पिछले साल 27 सितम्बर 2021 में लांच किए गए टेलीग्राम चैनल से करीब 17 हजार लोग जुड़ चुके हैं।
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होगी कठोर कानूनी कार्रवाई
चुनाव सेल अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म पर फर्जी या वैमनस्यकारी पोस्ट कर कानून व्यवस्था या साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई अमल में लायी जायेगी। इसके लिए सी प्लान एप के जरिये प्रत्येक गांव के दस सम्भ्रांत व्यक्तियों को जोड़ा गया है। ये लोग न सिर्फ गांव मोहल्ले में शांति व्यवस्था बनाये रखेंगे बल्कि फर्जी खबरों का भी खंडन करेंगे।