मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना काल खण्ड में पूरे देश में बेरोजगारी बढ़ी है लेकिन प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग की ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के माध्यम से प्रदेश में व्यापक स्तर पर रोजगार सृजित हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बातें गुरुवार को यहां अपने सरकारी आवास पर स्वरोजगार संगम कार्यक्रम के दौरान कही। इस दौरान उन्होंने पांच लाख छह हजार 995 लाभार्थियों को चार हजार 314 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया।
मुख्यमंत्री योगी गुरुवार को यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित स्वरोजगार संगम कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और एक जनपद एक उत्पाद योजना समेत अन्य रोजगारपरक योजनाओं के तहत एमएसएमई इकाइयों, व्यावसायिक इकाइयों, कृषकों एवं समाज के पिछड़े वर्गों को आर्थिक सहायता और रोजगार प्रदान करने के लिए स्वरोजगार संगम कार्यक्रम के तहत पांच लाख छह हजार 995 लाभार्थियों को चार हजार 314 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया।
स्वरोजगार संगम कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने नौ लाभार्थियों प्रवीण सिंह, राधे रमण शर्मा, विकास अग्रवाल, अपर्णा सुहैल खान, तरन्नुम, योगेश गुप्ता, नेहा अवस्थी, मुकेश कुमार सिंह तथा रितु कुमारी को अपने हाथों से ऋण राशि का चेक दिया। उन्होंने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना व ओडीओपी योजना के लाभार्थियों को उन्नत टूलकिट भी वितरित किये।
योगी ने कहा कि कोरोना काल खण्ड में 40 लाख श्रमिक और कामगार प्रदेश आए थे। उन्हें प्रदेश में ही रोजगार मुहैया कराया गया। आज प्रदेश में एक करोड़ 61 लाख लोगों को अलग-अलग उद्यमों से जोड़ा गया है। 60 लाख हस्तशिल्पियों, कारीगरों आदि को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना सहित विभिन्न योजनाओं द्वारा स्वरोजगार से जोड़ने का कार्य किया गया है। इन योजनाओं के माध्यम से स्वरोजगार अभियान को गति मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक स्वावलम्बन के उद्देश्य से प्रदेश में 75 हजार महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उनमें से 21 हजार महिलाओं को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण भी वितरित किया गया है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत 75 हजार परम्परागत कारीगरों का निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इसमें से 25 हजार कारीगरों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण वितरित किया गया है।
योगी ने कहा कि एक व्यक्ति जब स्वावलम्बी होता है तो वह गांव व समाज को समृद्ध करता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना काल खण्ड में भी बेरोजगारी दर को 18 प्रतिशत से कम करते हुए चार प्रतिशत तक लाने में सफलता मिली है। बेहतर कानून-व्यवस्था ने यहां निवेश की सम्भावनाओं को बढ़ाया। इससे प्रदेश में भारी निवेश आया। लोगों को रोजगार मिला। उन्होंने ऋण प्राप्त करने वाले सभी लाभार्थियों से ऋण की किश्तों का समय से भुगतान करने और बैंक से अधिक से अधिक डिजिटल रूप से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि इससे उन्हें अतिरिक्त लाभ होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने तय किया कि परम्परागत हस्तशिल्पियों, कारीगरों, श्रमिकों, कुली आदि को बीते दिसम्बर से मार्च तक चार माह के दौरान 500 रुपये प्रतिमाह भरण-पोषण भत्ता दिया जाएगा।
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सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री का सपना हर हाथ को काम देना है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई के माध्यम से बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लोगों को रोजगार प्राप्त हुए हैं। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई एवं सूचना नवनीत सहगल, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।