पंजाबी महासभा ने गुरुवार को सभी राजनीतिक दलों पर पंजाबी समाज की उपेक्षा का आरोप लगाया। महासभा ने विधानसभा चुनाव में भागीदारी और सम्मान देने वाले राजनीतिक दल को ही समर्थन देने का ऐलान किया।
पंजाबी महासभा के महानगर अध्यक्ष देशराज देसी ने गुरूवार को नवयुग मार्किट में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आज तक किसी भी राजनीतिक दल ने पंजाबी समाज को वह सम्मान नहीं दिया है जितना वह अपनी तरफ से योगदान देता है। राजनीतिक दलों द्वारा पंजाबी समाज के बारे में यह भ्रम फैलाया जाता है कि उनकी वोट काफी कम है। जबकि उन्होंने हाल ही में सर्वे कराया कि गाजियाबाद जिले में पंजाबी समाज के 4 लाख 70 हजार वोट है। राजनीतिक दलों को पंजाबी समाज के व्यक्ति को सत्ता में भागीदारी देनी चाहिए और उनके प्रत्याशी को टिकट देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कुछ सालों के दौरान राजनीतिक दलों ने पंजाबी समाज को पूरी तरह से नकार दिया है। सत्तारूढ़ दल के 20 मंडलों में एक भी पंजाबी को जगह नहीं दी गई है। पंजाबी समाज और अपना हक लेकर रहेगा और आगामी चुनाव में उसी राजनीतिक दल को समर्थन करेगा जो पंजाबी को सम्मान देगा।
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महासभा के संरक्षक जगदीश साधना ने कहा कि आजादी के बाद से आज तक किसी भी राजनीतिक दल ने पंजाबी समाज को उचित प्रतिनिधित्व सम्मान नहीं दिया है । इससे व्यथित होकर पंजाबी समाज को जागरुक एवं एकजुट करने के लिए पंजाबी महासभा का गठन किया गया है। इस संस्था में पंजाबी समाज के अनेक प्रबुद्ध लोग जोड़े गए हैं। उन्होंने गाजियाबाद का नाम सिख धर्म के दसवें गुरु गोविंद सिंह या स्वतंत्रता सेनानी दुर्गा भाभी के नाम पर रखने की मांग की। संरक्षक महेश अहूजा ने कहा कि पंजाबी सामाज ने बंटवारे की विभीषिका को सबसे ज्यादा झेला था और सब कुछ गंवाने के बाद खुद को स्थापित कर दिया। आज भी राष्ट्र को सर्वोपरि मानते है, लेकिन पंजाब को पंजाबी समाज को उचित सम्मान नहीं मिला। इस मौके पर महामंत्री सतीश चोपड़ा, संरक्षक सुभाष छाबड़ा, गुलशन भामरी, सरदार यशमीत सिंह आदि उपस्थित रहे।