विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ा उत्तर प्रदेश और मैदान में एक ही दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और आधा दर्जन मंत्री भी जनता के बीच ही नजर आए। मौसम भले ही सर्द था, लेकिन भाजपा नेताओं के इन दौरों ने उत्तर प्रदेश के चुनावी तापमान को काफी बढ़ा दिया। भाजपा के इन दिग्गज नेताओं ने विपक्ष पर तीखे हमले किए। समाजवादी पार्टी खास तौर से निशाने पर रही।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव करीब हैं। अन्य दल धीरे-धीरे माहौल बनाने में प्रयासरत हैं तो भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। पीएम मोदी से लेकर सभी वरिष्ठ नेता मिशन यूपी में सफलता का सिलसिला जारी रखने के लिए तेवरों के साथ मैदान में उतर आए हैं। ये नेता जिस तरह से विपक्ष पर हमलावर हैं, उससे पार्टी के चुनाव प्रबंधन को समझा जा सकता है कि शहर, मंच और नेता भले ही बदल जाएं, लेकिन ‘लाइन और लेंथ’ लगभग एक जैसी है।
मसलन, मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कानपुर की निराला नगर स्थित रेलवे मैदान पर हुई जनसभा में डबल इंजन सरकार फायदे विकास के लिहाज से गिनाए तो सपा मुखिया अखिलेश को आड़े हाथों लेना नहीं भूले। कानपुर और कन्नौज में इत्र कारोबारी के यहां पकड़े गए कालेधन के छींटे वह विपक्ष पर छिटकते दिखे। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच साझा किया।
इसी तरह के तेवर गृहमंत्री अमित शाह के थे। हरदोई और सुलतानपुर में जन विश्वास यात्रा की सभा में उन्होंने जनता को याद दिलाया कि सपा शासनकाल में कैसे रामभक्तों पर गोलियां चलाई गई थीं। अब राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। सपा के मुखिया अखिलेश यादव को चुनौती दी कि मंदिर निर्माण रोक सकें तो रोक लें। यही नहीं, इत्र कारोबारी के यहां छापा और अवैध धन पकड़े जाने की घटना का जिक्र कर सवाल खड़ा किया कि इस कार्रवाई से विपक्ष के नेताओं के पेट में मरोड़ क्यों हो रही है। उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भी तीखे शब्दबाण छोड़े। बरसात की वजह से शाह की भदोही में प्रस्तावित सभा नहीं हो सकी।
वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के निशाने पर भी अखिलेश यादव ही रहे। उन्होंने भी इत्र कारोबारी का जिक्र किया। सपा शासनकाल में आतंकियों को रिहा किए जाने की सिफारिश की घटना याद दिलाई। इसी तरह लगभग आधा दर्जन अन्य मंत्री भी अलग-अलग क्षेत्रों में विपक्ष पर गरजते रहे।
अमित शाह की ABCD Vs अखिलेश यादव की ABCD: जानें UP की राजनीति में क्यों हो रहा इसका इस्तेमाल
उत्तर प्रदेश का चुनावी मौसम बता रहा है कि अब दिनों-दिन यह राजनीतिक ताप बढ़ता जाएगा। चुनाव घोषित होने से पहले जन विश्वास यात्राओं के माध्यम से प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में दस्तक देने निकल पड़ी भाजपा का अभियान चुनाव घोषित होने के बाद नए सिरे से शुरू होगा।