जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के विभिन्न सेक्टरों में पिछले आठ महीनों में कुल 24 पाकिस्तानी आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने ढेर किया है. ये दिखाता है कि केंद्रशासित प्रदेश में पाकिस्तान (Pakistan) बिना किसी रोकटोक के आतंकवाद का समर्थन करना जारी रखे हुए है. लेटेस्ट रिकॉर्ड के मुताबिक, जम्मू जोन (Jammu Zone) में आठ आतंकवादी मारे गए हैं और 16 आतंकियों को कश्मीर जोन (Kashmir Zone) में ढेर किया गया है. मारे गए आतंकियों की डिटेल से पता चलता है कि ये सभी पाकिस्तान से आए थे. ये आतंकी श्रीनगर, पुंछ, पुलवामा, राजौरी, अनंतनाग, बारामूला में एनकाउंटर में मारे गए हैं
सुरक्षाबलों द्वारा ढेर किए गए आतंकियों में ज्यादातर या तो लश्कर के हैं या फिर जैश के आतंकी हैं. हालांकि, इनमें से कुछ आतंकी अज्ञात भी हैं. इन आतंकियों की डिटेल मुख्य रूप से तीन बातें साबित करती है. पहली कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लंबे दावों के बावजूद आतंकवाद को पाकिस्तान का समर्थन जारी है. दूसरा कि कश्मीर और जम्मू दोनों में नियंत्रण रेखा के पार घुसपैठ जारी है. वहीं, तीसरी बात ये है कि जम्मू-कश्मीर में लश्कर और जैश जैसे आतंकी ग्रुप एक्टिव हैं. पाकिस्तान स्थित इन समूहों ने कश्मीर को निशाना बनाना जारी रखा है और खुद को कश्मीर ग्रुप्स के तौर पर दिखाया है.
सभी आतंकियों के पाकिस्तानी आतंकी ग्रुप्स के साथ साठ-गांठ
19 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस, 24 राष्ट्रीय राइफल्स और सीआरपीएफ के संयुक्त अभियान में सैफुल्ला उर्फ अबू खालिद उर्फ शवाज नाम का एक आतंकवादी को ढेर किया गया. वह पाकिस्तान के कराची का निवासी था और 2016 से घाटी में एक्टिव था. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, सैफुल्ला का घाटी में नागरिकों की हत्या सहित आतंकी मामलों का इतिहास रहा है. कश्मीर के आईजीपी ने कहा कि 2016 में घुसपैठ के बाद वह हरवान के सामान्य इलाके में एक्टिव था. मई और दिसंबर के बीच मारे गए आतंकवादियों की ऐसी डिटेल्स से पता चलता है कि इन सभी आतंकियों की पाकिस्तान स्थित आतंकी ग्रुप्स के साथ साठ-गांठ है.
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अगस्त 2019 से घाटी में सुरक्षा की स्थिति में हुआ सुधार
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संसद के शीतकालीन सत्र में राज्यसभा को सूचित किया है कि अगस्त 2019 से घाटी में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है. आतंकी घटनाओं की संख्या 2018 में 417 से घटकर 203 (30 नवंबर तक) हो गई है. 2018 में घुसपैठ की 143 घटनाएं हुई थीं, जो 2021 में 31 अक्टूबर तक घटकर 28 हो गई हैं. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक लिखित प्रश्न के उत्तर में कहा, सरकार ने आतंकवादियों के खिलाफ एक्टिव अभियानों के साथ-साथ मजबूत सुरक्षा और खुफिया ग्रिड की स्थापना की है.इसलिए, अगस्त 2019 से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में काफी सुधार हुआ है.