विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने धर्मान्तरण के खिलाफ देशभर में 11 दिवसीय धर्म रक्षा अभियान की शुरूआत की है। सोमवार से प्रारम्भ हुए इस अभियान के तहत विहिप के कार्यकर्ता देशभर में गांव—गांव जाकर जिहादियों व मिशनरियों की पोल खोलेंगे। यह अभियान 20 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक चलेगा।
यह जानकारी विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने दी। वह सोमवार को लखनऊ स्थित विहिप के प्रान्तीय कार्यालय श्रीराम भवन में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देशभर में इस्लाम व ईसाइयत का नंगा नाच चल रहा है। संतों का नाम रखकर हिन्दू जनता को गुमराह करने का काम हो रहा है।
विजय शंकर तिवारी ने कहा कि धर्मांतरण की देशव्यापी विभीषिका को देखते हुए राज्य व केंद्र सरकारें अवैध धर्मांतरण के रोकने हेतु कठोर कानून बनाएं। जिहादियों व ईसाई मिशनरियों के हिन्दू-द्रोही देशद्रोही कुकर्मों पर लगाम लगाएं। इसके अलावा उन्होंने जनजातीय समुदाय के हितों पर कुठाराघात को रोकने तथा विस्मृत लोगों को स्वधर्म में वापस लाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि परावर्तन के पुरोधा स्वामी श्रद्धानंद के बलिदान दिवस, 23 दिसंबर को हम पहले से ही धर्म रक्षा दिवस के रूप में मनाते आए हैं। परन्तु, अवैध धर्मांतरण के षड्यंत्रों की भीषणता को देखते हुए इस वर्ष इस अभियान को विस्तार दिया गया है। इस अभियान के अंतर्गत इनके षड्यंत्रों को उजागर करने के लिए साहित्य का वितरण, जन-सभाओं, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से जन जागरण किया जाएगा जिससे हिन्दू समाज इनके हिन्दू विरोधी और राष्ट्र विरोधी कृत्यों को समझे तथा आगे बढ़कर इन पर रोक लगाए।
उन्होंने कहा कि कोरोना की भीषण आपदा के समय जब संपूर्ण देश कोरोना से जूझ रहा था उस समय मौलवी और पादरी आक्रामक रूप से धर्मांतरण के कार्य कर रहे थे। कोरोना के शांत होते ही ये सब षड्यंत्र उजागर होने शुरू हो गए। चर्च चंगाई सभा जैसे धोखाधड़ी भरे षड्यंत्रों के माध्यम से खुलेआम अवैध धर्मांतरण कर रहा है। मिशनरी स्वयं स्वीकार कर रहे हैं कि जितने चर्च कोरोना काल में खोली गई उतनी गत 25 वर्षों में नहीं खोली गई।
उन्होंने यह भी कहा कि लव जिहाद से पीड़ित हिन्दू महिलाओं की प्रताड़ना व हत्या के सुनियोजित षड्यंत्रों के समाचार देश के किसी न किसी क्षेत्र से प्रतिदिन आ रहे हैं। बढ़ती हुई इस्लामिक आक्रामकता स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर हो रही है। अवैध धर्मांतरण के कारण भारत विभाजन, करोड़ों हिंदुओं के नरसंहार, आतंकवाद व दंगों की पीड़ा को झेल चुका हिंदू समाज अब इस नए परिदृश्य को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं कर सकता।
विहिप के प्रवक्ता ने कहा उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण कानून लागू होने के बाद लगभग 50 से अधिक मामले दर्ज हुये हैं।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम व ईसाई जगत के कई प्रबुद्ध व्यक्ति त्रस्त होकर अपने परिवर्तित पंथ को छोड़कर हिंदू धर्म स्वीकार भी कर रहे हैं। विहिप के प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने कहा है कि घर वापस आने वालों का हमें खुले हृदय से स्वागत करना चाहिए और रोटी बेटी के सहज संबंध स्थापित करने चाहिए।
विहिप ने मांग की है जिन राज्यों में अवैध धर्मांतरण व लव जेहाद को रोकने के लिए सशक्त कानून नहीं है वहां अविलम्ब कानून बनाएं।
इसके अलावा अनुसूचित जनजातियों के जिन व्यक्तियों ने मतांतरण किया है उनको जनजातियों को मिल रहे लाभों से वंचित करने के लिए भी संविधान संशोधन अतिशीघ्र करना चाहिए।
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प्रेसवार्ता में विहिप के पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र संगठन मंत्री गजेन्द्र सिंह और अवध प्रान्त के उपाध्यक्ष कन्हैया लाल नगीना उपस्थित रहे।