पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी (पीएलसीपी) के प्रमुख कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भाजपा के साथ गठबंधन की आधिकारिक घोषणा कर दी है। दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री एवं पंजाब भाजपा के चुनाव प्रभारी गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात के बाद उन्होंने ट्वीट कर गठबंधन की जानकारी दी है। कैप्टन ने कहा कि शेखावत से सीटों के बंटवारे पर भी चर्चा हुई, लेकिन इस पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया है।
कैप्टन के अलावा शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के नेता एवं राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींडसा ने भी शेखावत से मुलाकात की और आगामी रणनीति पर चर्चा की। वह कुछ दिनों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह या भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात कर सकते हैं। कुछ दिन पहले ढींडसा ने अपनी पार्टी के नेताओं की राय जानने के लिए बैठक की थी, जिसमें ज्यादातर नेताओं ने भाजपा के साथ जाने में आनाकानी की थी। बाद में अंतिम फैसला लेने का अधिकार ढींडसा को सौंप दिया गया था। पार्टी को लग रहा है कि तीन कृषि कानूनों के कारण ग्रामीण इलाकों में अब भी भाजपा के प्रति नाराजगी है। यही वजह है कि ढींडसा ने अभी गठबंधन पर कुछ नहीं कहा है।
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कांग्रेस व शिअद के लिए खतरे की घंटी
कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच गठबंधन दो प्रमुख पार्टियों कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है। कैप्टन की पार्टी में जो नेता शामिल हो रहे हैं, वह कांग्रेस से ही हैं। यानी जितने भी वोट कैप्टन की पार्टी को मिलेंगे, निश्चित रूप से वह कांग्रेस के खाते से ज्यादा कटेंगे। इसी तरह भाजपा से अलग होने पर अब शिअद को नुकसान होना तय है। यदि भाजपा का गठबंधन ढींडसा के साथ भी हो जाता है, तो शिअद का यह नुकसान और बढ़ जाएगा। चुनाव में इस बार बहुकोणीय मुकाबले होंगे।