उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में एक विचाराधीन कैदी की मौत के बाद रविवार को फतेहगढ़ केंद्रीय जेल में हुई हिंसा के मामले में 27 जेल कैदियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आपको बता दें कि पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, हिंसा में कम से कम 20 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
गौरतलब है कि 27 कैदियों और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या के प्रयास, डकैती, मौत के प्रयास के साथ डकैती, दंगा करने, घातक हथियारों से दंगा करने, सरकारी कर्मचारी को अपने कर्तव्य से रोकने के लिए स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
जेल वार्डरों पर भी लोहे की रॉड से हमला
आपको बता दें कि सोमवार को फतेहगढ़ कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए जेलर अखिलेश कुमार ने कहा कि कैदियों ने आगजनी और तोड़फोड़ की, जब अफवाह फैल गई कि कैदी संदीप यादव की मौत हो गई क्योंकि उसे उचित उपचार नहीं दिया गया था।
वहीँ उन्होंने कहा “जब मैंने उन्हें रोका, तो उन्होंने मुझे गालियां देना शुरू कर दिया और मुझे मारने के इरादे से ईंटें और तेज वस्तुएं उठा लीं। उन्होंने मेरा आधिकारिक मोबाइल फोन भी छीन लिया और एक गेट, सीसीटीवी कैमरे और चक्र कार्यालय को क्षतिग्रस्त कर दिया। उन्होंने एक आरओ प्लांट, ट्रॉली में भी तोड़फोड़ की..बैरक नंबर 1 का फर्नीचर और संवेदनशील सेल…उन्होंने कहा कि कैदियों ने जेल परिसर में लगी बैटरियों में आग लगा दी..जिससे विस्फोट भी हुआ।
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कैदियों ने डिप्टी जेलर शैलेश कुमार सोनकर और जेल वार्डरों पर भी लोहे की रॉड से हमला किया। अखिलेश कुमार ने कहा कि बैरक नंबर 2 में कैदियों के दो समूहों के बीच हाथापाई के बाद एक कैदी के पेट में चोट लग गई। इस बीच, कानपुर संभागीय आयुक्त राज शेखर, आईजी (कानपुर रेंज) प्रशांत कुमार, डीजी (जेल) आनंद कुमार और डीआईजी (जेल) वी.पी. त्रिपाठी ने कैदियों और जेल अधिकारियों से मुलाकात की और स्थिति का जायजा लिया।