तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) और पश्चिमी पाकिस्तान (अब पाकिस्तान) के विभाजन को लेकर भारतीय नौसेना (Indian Navy) की दक्षिणी कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल अनिल कुमार चावला ने बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि पूर्वी पाकिस्तान को पश्चिमी पाकिस्तान से अलग करने के लिए 1965 में ही प्लान बना लिया गया था। हालांकि इस प्लान को 1971 (1971 India Pakistan War) में अमल में लाया गया था।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, नौसेना के टॉप अफसर ने अपने इस दावे की पुष्टि के लिए क्लासिफाइड दस्तावेजों का हवाला दिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि पूर्वी पाकिस्तान को पश्चिमी पाकिस्तान से अलग करने की बात की पुष्टि के पर्याप्त सबूत हैं। उनका कहना है कि उत्तर पूर्व इलाके में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई उग्रवाद को बढ़ावा दे रही थी। चटगांव के पहाड़ी क्षेत्रों में नगा लड़ाकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था। विभाजन की सोच के पीछे यही कारण था। सेना ने उस समय के अनुभवों का इस्तेमाल मुक्ति वाहिनी को ट्रेनिंग देने के दौरान किया था।
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नौसेना के दक्षिणी कमान के प्रमुख ने यह बातें बेंगलुरु में कहीं। वह बेंगलुरु में 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में मिली जीत की गोल्डन जुबली सेलीब्रेशन के कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे। बता दें कि भारत ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी। इसके बाद पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में नई सरकार के गठन के लिए भी मदद की गई थी। इसी के तहत बांग्लादेश दुनिया के नक्शे पर आया।