देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने विश्वकर्मा जयंती की प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने विश्वकर्मा पूजा की पूर्व संध्या पर जारी संदेश में कहा कि भगवान विश्वकर्मा शिल्प और सृजन के देवता हैं। उनको पौराणिक सिविल इंजीनियर भी माना जाता है। उनकी जयंती समाज में निर्माण और सृजन के महत्व को रेखांकित करती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह पावन पर्व प्रदेशवासियों के जीवन में सुख एवं समृद्धि लाएगा।
समाज का सुव्यवस्थित स्वरूप विश्वकर्मा की देन : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने जारी अपने संदेश में कहा कि समाज का सुव्यवस्थित स्वरूप विश्वकर्मा की ही देन है। विश्वकर्मा जयंती का यह पर्व प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले उद्यमियों, शिल्पियों व श्रमवीरों को सम्मानित करने का भी अवसर है। इस अवसर पर हमें निर्माण के क्षेत्र में नई तकनीक का उपयोग कर देश एवं प्रदेश के विकास में भागीदार बन कर राज्य के विकास में सक्रिय भागीदारी निभाने का संकल्प भी लेना होगा।
विश्वकर्मा निर्माण और सृजन के देवता हैं: प्रेमचंद अग्रवाल
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने शुभकामना संदेश में निर्माण और सृजन से जुड़े सभी लोगों के सुख-समृद्धि एवं मंगलमय जीवन की कामना की है। उन्होंने कहा कि भगवान विश्वकर्मा निर्माण और सृजन के देवता हैं, जिन्हें संसार का प्रथम वास्तुकार माना गया है। समाज का सुव्यवस्थित, सुरक्षित स्वरूप विश्वकर्मा जी की ही देन है। विश्वकर्मा जयंती का दिन हमें यह संदेश देता है कि हम अपने श्रम से अपने समाज, राष्ट्र के निर्माण के लिए कृत संकल्पित हों।
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