देहरादून। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि लोकतंत्र की आत्मा को जीवित रखने के लिए सभी चारों स्तंभ को मिलकर मजबूती के लिए काम करना होगा।
बुधवार को 81 वां अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (शताब्दी वर्ष) का आयोजन पर वर्चूअल माध्यम से विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने शामिल होते हुए यह बातें कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के चार स्तंभ है विधायिका,कार्यपालिका न्यायपालिका और मीडिया। लोकतंत्र की मजबूती के लिए चारों के बीच में सामंजस्य, समन्वय एवं संवाद और विश्वास होना बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विधायिका कार्यपालिका तथा न्यायपालिका एक दूसरे के पूरक भी हैं और नियंत्रक भी, इसका अर्थ यह है कि इन तीनों में से यदि कोई कमजोर पड़ रहा है तो शेष उसे शक्ति दे और यदि कोई निरंकुश हो रहा है तो उसे सही दिशा की तरफ मोडा जाए। लोकतंत्र की आत्मा को जीवित रखने के लिए यह जरूरी है कि तीनों एक दूसरे को मजबूत करने के लिए कार्य करें ना कि एक दूसरे को कमजोर करके स्वयं शक्तिशाली होने की प्रतिस्पर्धा में जुट जाएं।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रश्नकाल कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है और इसका सदस्यों को अच्छे से उपयोग करना चाहिए। उत्तराखंड विधानसभा में लगातार 25 से भी अधिक बार तारांकित प्रश्न निश्चित समय अवधि में उत्तरित किए गए हैं।