उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार को देर रात जारी भारी बारिश से गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे सहित जिले की 46 सड़कों पर आवागमन बंद हो गया। वहीं भूस्खलन के चपटे में आने से कई घरों को नुकसान भी हुआ है। भारी बारिश को देखते हुए गुरुवार को जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए।
बताया गया कि भारी बारिश के बीच गंगोत्री राजमार्ग बुधवार को देर रात्रि खोल दिया गया था लेकिन कुछ घंटे बाद ही भूस्खलन से फिर बंद हो गया था। गुरुवार को भी गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे बंद रहा। जिलेभर में भारी बार से गंगा भागीरथी के परिसर गंगोत्री धाम में विष्णु लोक टापू के पास दो विशाल पत्थर गिरे। कई बड़े पत्थर टूटकर नदी में समा गया। पत्थर गिरने की इतनी भयावह आवाज थी कि धाम के संत और पुजारी अपने परिसर एवं आश्रम से बाहर निकल आए।
उत्तरकाशी लगातार हो रही बारिश आफत बन गयी है। भारी बारिश के चलते मातली में दो खच्चर भूस्खलन की चपेट में आने से मलबे में दब गए है । वही टीन शेड में मौजूद दो लोगों ने भाग कर अपनी जान बचाई है।
उधर, यमुना घाटी के बनाल में भी नाले भारी उफान पर हैं। भारी बारिश से नौगांव के ग्राम कलोगी गांव के जुद्ववीर राणा की गौशाला मलवे में तब्दील हो गई। इसमें गौशाला की तीन गायों की मौत हो गयी है।राजकीय देवलांग मेला समिति के अध्यक्ष प्रदीप गैरोला ने बताया कि बिगराडी खड में पुल बनाने के लिए शासन स्तर प्रयास किया गया है।
प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने 18 फरवरी 2021 को कार्यकम प्रबंधन विश्व बैंक कारगी चौक देहरादून को पत्र लिखा था कि शासन स्तर से बिगरागी खड पर पौंटी-राजगढी मोटर मार्ग पर पुल बनवाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे। वहीं गोलाडी प्रधान सुखदेव नौटियाल ने बताया कि गांव के नीचे लोनिवि ने रोड कटिंग की जिस से अब गांव में लैंड स्लाइड हो रहा है। विभाग को कई बार को बताने पर भी कोई सुरक्षा दीवार नहीं लगाई जिस से गांव में खतरा बना हुआ है।