उत्तराखंड की प्रदेश सरकार राज्य में स्वाथ्य सेवाओं को दुरूस्त करने की कवायद में जुटा हुआ है । लेकिन जमीनी हकीकत की तस्वीर कुछ अलग ही है।
अगर बात करे तो डेढ दशक पहले तत्कालीन सरकार ने पहाड़ की बदहाल स्वाथ्य व्यवस्था को देखते हुए अल्मोड़ा में मेडिकल कॉलेज की नींव रखी थी ।
लेकिन राजनीतिक हवाओं के बीच आज भी यह मेडिकल कॉलेज अपने अस्तित्व की तलाश कर रहा है,, कि आखिर कब यह मेडिकल कालेज एम.सी.आई के मानकों को पूरा कर हकीकत में अपना स्वरूप लेगा और पहाड़ की जनता को स्वाथ्य का प्रचुर लाभ मिलेगा।
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अल्मोड़ा का यह मेडिकल कॉलेज करीब 80 प्रतिशत बनकर तैयार है और कोविड के इस दौर में कोविड सेंटर बन कर रह गया है । भाजपा सरकार इस मेडिकल कॉलेज को पंख लगा कर प्राचार्य व फैकेल्टी बना दी गई है और अपना काम करना शुरू कर दिया है मगर बजट के अभाव में जो बुनियादी कार्य आज भी अधूरे पड़े हैं।