कांग्रेस के तीन नेता सहित 5 के खिलाफ एफआईआर दर्ज, धार्मिक दंगा कराने के लिए फैलाई थी फेक न्यूज

देश में हिंदू-मुस्लिम सौहाद्र को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में स्थित लोनी थाने में उन पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिन्होंने हिंदू-मुस्लिम सौहाद्र बिगाड़ने की कोशिश करते हुए षड्यंत्र रचा था और सोशल मीडिया पर फेक खबर फैलाई थी। इन पांच लोगों में तीन को कांग्रेसी नेता और दो को पत्रकार बताया जा रहा है।

 

एफआईआर में लगाए गए हैं गंभीर आरोप

एक न्यूज पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार, दर्ज एफआईआर में इन पांचों पर आरोप लगाया गया है कि इन्होने हिन्दू-मुस्लिम दंगा भड़काने के आपराधिक षड्यंत्र के तहत फेक न्यूज़ फैलाया कि एक मुस्लिम बुजुर्ग को हिन्दुओं ने पीटा और जबरन ‘जय श्री राम’ कहलवाया। इन पांचों की पहचान सलमान निजामी, राना अयूब, डॉक्टर शमा मोहम्मद, सबा नकवी और मशकूर अहमद के रूप में हुई है।

एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि इन लोगों ने अचानक लोक शांति को अस्त-व्यस्त करने और धार्मिक समूहों में विभाजन के लिए संदेशों को प्रचारित-प्रसारित किया। इनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में बताया गया है कि जो बयान ट्विटर पर प्रचारित किए गए, वो किसी व्यक्ति विशेष मात्र के नहीं थे बल्कि इनके पीछे एक स्पष्ट मंशा थी, जो आपराधिक षड्यंत्र की ओर भी इशारा करती है। हिन्दुओं और मुस्लिमों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया गया। धार्मिक सौहार्द को अस्त-व्यस्त करने के लिए इन्हें बड़े पैमाने पर प्रचारित किया गया।

एफआईआर में इसका जिक्र किया गया है कि किस तरह इस फेक न्यूज़ के फैलने से न सिर्फ तनावपूर्ण माहौल पैदा हो गया है, बल्कि उत्तर प्रदेश में एक वर्ग विशेष के भीतर भय की भावना भर दी है। आरोपित मुख्यतः मुस्लिम मजहब के भीतर अपना प्रभाव रखते हैं। पुलिस की जाँच में पता चला कि आरोपित और पीड़ित पहले से परिचित थे। अब्दुल समद ने ताबीज देकर इसके सकारात्मक परिणाम का आश्वासन दिया था। ताबीज ने काम नहीं किया तो आरोपितों ने उसे पीट दिया। व्यक्तिगत विवाद की इस घटना में आरोपितों में हिन्दू और मुस्लिम, दोनों समुदायों के लोग थे।

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इनमें राना अयूब और सबा नकवी को पत्रकार जबकि सलमान निजामी, डॉक्टर शमा मोहम्मद, और मशकूर अहमद को कथित तौर पर कांग्रेस नेता बताया जा रहा है।