पंजाब पुलिस ने गुरुवार की रात को विदेशी पिस्तौलों की एक बड़ी खेप पकड़ी है। इस मामले में हथियारों की तस्करी करने वाले एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया है, जो कथित तौर पर पाकिस्तान-आधारित (बेस्ड) आतंकवादी संगठनों और अमेरिका, कनाडा और यूके आधारित भारत विरोधी खालिस्तानी तत्वों के साथ जुड़ा हुआ था और यूएसए आधारित एक हैंडलर के निर्देशों पर गतिविधियों को अंजाम देता था।
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने आज इन पकड़े गए हथियारों का विवरण देते हुए खुलासा किया कि ये हथियार भारत के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किए जाने थे। गुप्ता ने बताया कि जगजीत सिंह उर्फ जग्गू (25 साल) निवासी पुरीयां कलाँ, थाना सदर बटाला, जि़ला बटाला को गुरुवार रात पंजाब इंटरनल सिक्योरिटी विंग एसएसओसी अमृतसर की टीम ने अमृतसर के कथूनंगल के पास से गिरफ़्तार किया था। एक इंटेलीजेंस ऑपरेशन में एसएसओसी अमृतसर ने कथूनंगल गाँव, अंमृतसर-बटाला रोड पर एक ख़ास पुलिस नाका लगाकर एक आई-20 कार का पीछा करते हुए उसे रोका।
पुलिस टीम ने कार में से दो नाइलॉन बैग बरामद किए, जिनमें अलग-अलग देशों और बोर वालीं 48 विदेशी पिस्तौलें, मैगज़ीन और कारतूस थे। इसमें 19 पिस्तौल 9 एमएम (जिग़ाना-तुर्की में बने) समेत 37 मैगज़ीन और 45 कारतूस; 9 पिस्तौल .30 बोर (चीन में बने) समेत 22 मैगज़ीन; 19 पिस्तौल .30 बोर (स्टार मार्क) समेत 38 मैगज़ीनें और 148 कारतूस और 1 पिस्तौल 9 एमएम. (बरेटा-इटालियन) समेत 2 मैगज़ीनें शामिल थीं।
हथियारों की तस्करी के संबंधों के बारे में विवरण देते हुए डीजीपी ने बताया कि प्रारम्भिक पड़ताल से पता लगा है कि जगजीत को एक पुराने गैंगस्टर अपराधी दरमनजोत सिंह उर्फ दरमनजोत काहलों ने हथियारों की यह खेप एकत्र करने के लिए निर्देश दिया था। दरमनजोत, जोकि अब यू.एस.ए. में रह रहा है, जगजीत सिंह के संपर्क में था। उल्लेखनीय है कि दुबई में 2017 से दिसंबर 2020 तक रहने के दौरान, जगजीत दरमनजोत काहलों के संपर्क में था, जिसने उसको अपने इस काम के लिए प्रेरित किया था।
डीजीपी ने बताया कि इस तस्करी रैकेट के मास्टर माइंड दरमनजोत ने जगजीत को हथियारों की खेप एकत्र करने और छिपाने और पिस्तौलों की डिलीवरी के लिए अगले निर्देशों का इंतज़ार करने के लिए कहा था। उन्होंने आगे बताया कि दरमनजोत सिंह उर्फ दरमनजोत काहलों, जो पंजाब में एक भगौड़ा घोषित किया गया है, के ओपन-एंडेड वॉरंट जारी किए गए हैं।
दरमनजोत सिंह उर्फ दरमनजोत काहलों, जोकि वास्तव में गाँव तलवंडी खुम्मण, थाना कथूनंगल, अमृतसर का रहने वाला है, गिरफ़्तारी से बचने के लिए साल 2017 में यूएसए फऱार होने से पहले पंजाब में हुई कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल था। उसने बदनाम गैंगस्टर हरविन्दर सिंह उर्फ मन्नू को 2017 में पुलिस हिरासत में से फऱार होने में भी सहायता की थी। गौरतलब है कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस एस्कॉर्ट पार्टी पर हमला कर दिया और हरविन्दर सिंह उर्फ मन्नू को भगाने में कामयाब हो गया था। इस बाबत 12 जून , 2017 को थाना सिविल लाइन बटाला में एफआईआर दर्ज की गई थी और दरमनजोत को जनवरी, 2020 में जे.एमआईसी. बटाला की अदालत ने भगौड़ा (पीओ) घोषित किया था।
साल 2020 में, अमेरिका में रहने के दौरान, दरमनजोत सिंह ने भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ग़ैर कानूनी हथियार खरीदने के लिए पंजाब में एक आपराधिक समूह को 2 लाख रुपये की राशि भेजी थी। उसके आपराधिक समूह के 10 सदस्यों को एसएसओसी अमृतसर ने गिरफ़्तार किया था और उनसे 07 पिस्तौल .32 बोर बरामद किए गए थे। इस केस में थाना एसएसओसी अमृतसर द्वारा 10 नवम्बर, 2020 को एफआईआर दर्ज की गई थी।
डीजीपी ने बताया कि पिछली रात को की गई इस बरामदगी के सम्बन्ध में एक एफआईआर 10 मई, 2021 को गैर-कानूनी गतिविधियों (रोकथाम) एक्ट (यूएपीए) की धारा 13, 17, 18, 18-बी, 20, आइपीसी की धारा 120, 120-बी और आर्म्स एक्ट की धारा 25 के अंतर्गत थाना एसएसओसी, अमृतसर में दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि पूरे रैकेट का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है।
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पंजाब पुलिस, जिसने शांति, सांप्रदायिक सद्भावना और राज्य के माहौल को खऱाब करने की कोशिश वाले पाक प्रायोजित आतंकवादी तत्वों के नापाक मंसूबों के खि़लाफ़ सख़्त मुहिम शुरू की है, ने पिछले 4 सालों के दौरान 44 आतंकवादी मोड्यूलों का पर्दाफाश किया है। इसके अलावा, इस दौरान 283 आतंकवादी/ अपराधी गिरफ़्तार किए गए हैं और 21 राइफल्स, 163 रिवॉल्वर/पिस्तौल, 38 ग्रेनेड, 10 ड्रोन, 5 सैटेलाइट फ़ोन, 2 वॉकी-टॉकी सैट और आरडीएक्स ज़ब्त किए गए हैं।