टोक्यो ओलिंपिक शुरू होने में बस कुछ ही समय बचा है। दुनिया भर के खिलाड़ी खेलों की दुनिया के इस सबसे बड़े महाकुंभ में अपना परचम लहराने के लिए तैयारी कर रहे हैं। हालांकि इसके आयोजन और इसमें भाग लेने पर अब भी तमाम सवाल एक साल बाद भी जस के तस हैं। अब नया विवाद कोरोना वैक्सीन को लेकर उठता दिख रहा है। ओलिंपिक खेलों से पहले कोरोना वैक्सीन लगवाने पर दुनिया भर के खिलाड़ियों की राय बंटती दिख रही है। दुनिया के कुछ खिलाड़ी जहां कोरोना वैक्सीन लगवाने के पक्ष में हैं। वहीं कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं, जो इसके खिलाफ हैं। उन्होंने तो यहां तक धमकी दे दी है कि वह ओलिंपिक छोड़ देंगे, लेकिन टीका नहीं लगवाएंगे।
अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (आईओसी) ने टोक्यो ओलिंपिक में भाग लेने वाले एथलीटों से वैक्सीन लेने का अनुरोध किया था। हालांकि यह अनिवार्य नहीं है। खिलाड़ियों का यह व्यक्तिगत फैसला होगा कि वह वैक्सीन लगवाना चाहते हैं या नहीं। इस पर दो बार के ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट जमैका के स्प्रिंटर योहान ब्लेक ने कहा है कि वह कोविड-19 की वैक्सीन नहीं लेंगे चाहे इसके लिए उन्हें टोक्यो ओलिंपिक छोड़ना ही क्यों न पड़े। योहान ब्लेक अकेले नहीं हैं। नंबर-1 पुरुष टेनिस खिलाड़ी सर्बिया के नोवाक जोकोविच खुले तौर पर टीका नहीं लगवाने की बात कह चुके हैं।
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योहान ब्लैक और नोवाक जोकोविच जहां टीका नहीं लगवाने की बात कह रहे हैं, तो कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं, जो टीके के पक्ष में हैं। रोमानिया की टेनिस खिलाड़ी सिमोना हालेप और भारत के जेवेलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा भी इनमें से एक हैं। हालेप ने तो कोरोना के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए टीका लगवाया भी है। हालेप का कहना है कि आज पूरी दुनिया कोरोना वायरस से परेशान हैं। ऐसे में उन्होंने कोरोना का टीका लगवाया है। इतनी ही नहीं उन्होंने आम लोगों से भी अधिक से अधिक संख्या में टीका लगाने की अपील की है, ताकि कोरोना से अच्छे ढंग से निपटा जा सके।