फर्रुखाबाद। जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने रविवार को लिंजीगंज बूथ पर नवजात बच्चे को पोलियों की खुराक पिलाकर पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ किया। जिलाधिकारी ने कहा कि पोलियो खतरनाक बीमारी है। पोलियो की दो बूंद पिलाने से खतरे को टाला जा सकता है।
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उन्होंने अपील की इस बीमारी के प्रति सावधान रहें। अपने बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने में कतई लापरवाही ना बरतें एक दूसरे के सहयोग से किसी भी रोग पर काबू पाया जा सकता है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वंदना सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के तहत इस वर्ष का यह प्रथम चरण है। उन्होने कहा कि जन भागीदारी और व्यापक प्रचार-प्रसार के कारण ही देश के साथ-साथ प्रदेश भी पोलियो मुक्त बन पाया है। कोई भी बच्चा पोलियो से ग्रसित न हो इसलिए ऐहीतियात के तौर पर सावधानी बरतते हुए पोलियो की दवा पिलायी जा रही है। सफलता में स्थायित्व बना रहे इसका भी ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने सभी ब्लॉक के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों से पोलियो अभियान को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के निर्देश देते हुए कहा इस काम में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. प्रभात वर्मा ने कहा कि इस बर्ष आज से चलने वाले पोलियो अभियान में पोलियो की खुराक पिलाने के लिये कुल 911 बूथ बनाए गए हैं, जिनकी निगरानी के लिए 183 सुपरवाइजरों की ड्यूटी लगायी गई है। इस अभियान के दौरान लगभग 2.95 लाख से ज्यादा बच्चे को खुराक देने का लक्ष्य तय किया गया है। 691 टीमें घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाएँगी। इस अभियान में 14 मोबाइल टीमें और 43 ट्रांजिट टीमें लगाई गई है। इसके अलावा आज बूथ कवरेज के बाद छूटे बच्चों को दवा पिलाने के लिये प्रत्येक घर-घर जाकर टीम दवा पिलाएगी।
यूनिसेफ के डीएमसी राजीव चौहान ने कहा की भविष्य में कोई भी पोलियो जनित बीमारी का मामला ना हो इसके लिए समय-समय पर पोलियो की खुराक पिलाने का अभियान चलाया जाता है। जन्म के तुरंत बाद नवजात को भी यह खुराक पिलानी जरूरी है। इससे किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। इस दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दलवीर सिंह, सिविल अस्पताल लिंजीगंज के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. मो. आरिफ सिद्दीकी, आईओ साधना त्रिवेदी, यूनिसेफ के बीएमसी सादिया और सल्तनत आदि लोग मौजूद रहे।