मेरठ। प्रदेश के श्रम, सेवायोजन एवं समन्वय मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि 2022 तक एक करोड़ श्रमिकों का पंजीकरण किया जाएगा। प्रदेश सरकार समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति का कल्याण करने के लिए कार्य कर रही है। मंत्री ने शनिवार को मेरठ और बागपत के 6863 लाभार्थियों को 11 करोड़ 51 लाख 66 हजार 410 की धनराशि के हितलाभ का वितरण किया।
चौधरी चरण सिंह विवि के नेताजी सुभाष चन्द्र बोस प्रेक्षागृह में शनिवार को मिशन शक्ति के अंतर्गत जन जागरूकता एवं उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के निर्माण श्रमिको को हित लाभ वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मिनी स्टेडियम जिसमें ‘खेल’ है न ‘खिलाड़ी’, खोता जा रहा अपनी ‘पहचान’
2022 तक एक करोड़ श्रमिकों के पंजीयन होंगे : स्वामी प्रसाद मौर्य
मुख्य अतिथि प्रदेश के श्रम, सेवायोजन एवं समन्वय मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने 20 महिला श्रमिकों को स्वीकृति पत्र व 100 बालिकाओं को साईकिल वितरित की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका सम्मान पर कार्य कर रही है। अंतिम पायदान पर खडे व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। श्रमिकों तक पहुंच रहा योजनाओं का लाभ
श्रम मंत्री ने कहा कि श्रमिकों तक योजनाओं का लाभ पहुंच रहा है। श्रमिकों के पंजीयन व नवीनीकरण की फीस को 50 रुपए से घटाकर 20 रुपए कर दिया गया है। अक्टूबर 2020 से मार्च 2021 तक प्रदेश में निर्माण श्रमिको का निशुल्क पंजीयन व नवीनीकरण कराने का कार्य चल रहा है। उन्होंने स्वयं लेबर अड्डांे व चौराहों पर कैंप लगवाकर श्रमिकों का पंजीयन कराया है। पहले पंजीयन के लिए निर्माण श्रमिकों को ठेकेदार का प्रमाण पत्र लेना पड़ता था। अब व्यवस्था बदल दी गई है, अब निर्माण श्रमिक स्वयं लिखकर देगा कि वह निर्माण श्रमिक है तो भी उसका पंजीयन होगा।
रिकॉर्ड संख्या में हो रहे पंजीकरण
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड का गठन 2009 में हुआ था। 2009 से 2017 तक मात्र 34 लाख ही पंजीयन हो पाए। 2017 से 2021 तक वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 75 लाख तक पंजीयन हो गए। 2022 तक एक करोड़ श्रमिकों का पंजीयन कराया जाएगा। श्रमिकों के हितार्थ 17 योजनाएं चल रही है। सरकार ने दलाल और बिचैलियां प्रथा को खत्म किया है। अब धनराशि सीधे मजदूर के बैंक खाते में जाती है।
महिला श्रमिकों का रखा जा रहा ध्यान उन्होंने कहा कि प्रसव काल में महिला श्रमिक को तीन महीने के बराबर की मजदूरी व एक हजार दिए जाते हैं। यदि उसका पति पंजीकृत श्रमिक है तो उसे छह हजार की धनराशि दी जाती है। श्रमिक के घर बेटी पैदा होने पर दी जाने वाली राशि को 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपए कर दिया गया है। बेटा पैदा होने पर दी जाने वाली राशि 12 हजार को 20 हजार कर दी गई है। श्रमिक के बच्चों के आईटीआई करते समय तीन हजार प्रतिमाह, इंजीनियरिंग में पांच हजार प्रतिमाह, मेडिकल व पीएचडी करने पर दस हजार प्रतिमाह दी जाती है।
अटल आवासीय विद्यालय खोले जा रहे श्रम मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने श्रमिकों के बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए प्रत्येक मंडल पर एक अटल आवासीय विद्यालय खोलने का निर्णय लिया है। प्रदेश के 18 मंडलों में एक-एक विद्यालय खुलेगा। इसमें एक हजार बच्चो के रहने, खाने पीने, पढ़ाई, पुस्तक, यूनिफार्म, खेलकूद, हॉस्टल आदि की सभी व्यवस्था निशुल्क होगी। पंजीकृत श्रमिक को बेटी की शादी घर पर करने पर 55 हजार रुपए आर्थिक सहायता दी जाती है। श्रमिक पुत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत प्रत्येक दंपत्ति पर 75 हजार का व्यय सरकार करती है।
उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुनील भराला ने कहा कि श्रमिकों के हितार्थ अनेक योजनाएं संचालित है। जिसका सीधा लाभ श्रमिको व उनके परिवारो तक पहुंच रहा है। तीन नई योजनाएं चेतन चैहान खेल प्रोत्साहन कल्याण योजना, महादेवी पुस्तक क्रय वितरण योजना और तीसरी श्रमिकों व उनके परिवारों को धार्मिक यात्रा कराने की योजना एक फरवरी से लागू की जा रही है।
इस अवसर पर सांसद राजेन्द्र अग्रवाल, विधायक सोमेन्द्र तोमर, विधायक सत्यवीर त्यागी, उप श्रमायुक्त दीप्तिमान भट्ट, एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल, सीडीओ ईशा दुहन, सहायक श्रमायुक्त घनश्याम सिंह, सुमित कुमार आदि मौजूद थे।